3 दिन बाद ओली को फिर मिली नेपाल की गद्दी, आज लेंगे प्रधानमंत्री पद की शपथ

Edited By vasudha,Updated: 14 May, 2021 09:25 AM

oli will take oath as prime minister of nepal today

नेपाल में विपक्षी दलों के अगली सरकार बनाने के लिये बहुमत हासिल करने में नाकाम रहने के बाद नेपाल की संसद में सबसे बड़े राजनीतिक दल के नेता के रूप में के पी शर्मा ओली फिर से देश के प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए। आज वह एक बार फिर प्रधानमंत्री पद की शपथ...

इंटरनेशनल डेस्क: नेपाल में विपक्षी दलों के अगली सरकार बनाने के लिये बहुमत हासिल करने में नाकाम रहने के बाद नेपाल की संसद में सबसे बड़े राजनीतिक दल के नेता के रूप में के पी शर्मा ओली फिर से देश के प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए। आज वह एक बार फिर प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे।  राष्ट्रपति भंडारी शीतल निवास में एक समारोह में ओली को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे।

 

सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के नेता के रूप में नियुक्त हुए ओली 
प्रतिनिधि सभा में महत्वपूर्ण विश्वास मत हारने के तीन दिन बाद राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने 69 वर्षीय सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष ओली को प्रधानमंत्री के रूप में फिर से नियुक्त किया। राष्ट्रपति कार्यालय ने  एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति भंडारी ने नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 78 (3) के अनुसार प्रतिनिधि सभा में सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के नेता के रूप में ओली को प्रधानमंत्री के रूप में फिर से नियुक्त किया।

 

बहुमत हासिल करने में नाकाम विपक्ष
गौरतलब है कि नेपाली कांग्रेस तथा नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवाद मध्य) का विपक्षी गठबंधन अगली सरकार बनाने के लिये बहुमत हासिल करने में नाकाम रहा जिसके बाद ओली के एक बार फिर देश का प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया था। ओली सोमवार को प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत साबित करने में नाकाम रहे थे, जिसके बाद राष्ट्रपति भंडारी ने विपक्षी दलों को सरकार गठन के लिये बृहस्पतिवार रात नौ बजे तक का समय दिया था।

 

ओली प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत साबित करने में रहे थे नाकाम
नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा को सीपीएन माओवाद के अध्यक्ष पुष्पकमल दल 'प्रचंड' का समर्थन मिल गया था, लेकिन वह जनता समाजवादी पार्टी (जेएसपी) का समर्थन हासिल करने में नाकाम रहे। जेएसपी के अध्यक्ष उपेन्द्र यादव ने देउबा को समर्थन का आश्वासन दिया था लेकिन पार्टी के एक और अध्यक्ष महंत ठाकुर ने इस विचार को खारिज कर दिया। निचले सदन में नेपाली कांग्रेस के पास 61 और माओवाद (मध्य) के पास 49 सीटें हैं। इस प्रकार उनके पास 110 सीटें हैं, लेकिन बहुमत के आंकड़े से कम हैं। फिलहाल सरकार गठन के लिये 136 मतों की जरूरत है। सदन में जेएसपी की 32 सीटें हैं। यदि जेएसपी समर्थन दे देती तो देउबा को प्रधानमंत्री पद के लिये दावा पेश करने का अवसर मिल जाता।

 

विपक्षी दलों को अन्य पार्टियों से नहीं मिला समर्थन
यूएमएल के पास 275 सदस्यीय सदन में 121 सीटें है। माधव नेपाल के धड़े वाले 28 सांसदों ने कार्यावाहक प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और माधव के बीच बृहस्पितवार को समझौता होने के बाद अपनी सदस्यता से इस्तीफा नहीं देने का निर्णय लिया। ओली ने माधव समेत यूएमएल के चार नेताओं के खिलाफ कार्रवाई का फैसला वापस लेते हुए उन्हें उनकी मांगें माने जाने का आश्वासन दिया। यदि यूएमएल के सांसद इस्तीफा दे देते तो प्रतिनिधि सभा में सदस्यों की संख्या घटकर 243 रह जाती, जो फिलहाल 271 है। ऐसे में सरकार गठन के लिये केवल 122 मतों की दरकार होती।

 

दिन भर रही ऊहापोह की स्थिति 
इससे पहले, नयी सरकार के गठन को लेकर राजनीतिक दलों के बीच दिन भर ऊहापोह की स्थिति रही। सीपीएन-यूएमएल के माधव कुमार नेपाल-झालानाथ खनल धड़े से संबंध रखने वाले सांसद भीम बहादुर रावल ने गतिरोध खत्म करने के लिये मंगलवार को दोनों नेताओं के करीबी सांसदों से नयी सरकार का गठन करने के लिये संसद सदस्यता से इस्तीफा देने का आग्रह किया। रावल ने बुधवार को ट्वीट किया कि ओली नीत सरकार को गिराने के लिये उन्हें संसद सदस्यता से इस्तीफा देना चाहिये।

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!