Edited By Isha,Updated: 23 Sep, 2018 05:30 PM
पाकिस्तान की दो प्रमुख विपक्षी पाॢटयों ने भारत के साथ संबंध सुधारने के वास्ते किये गये प्रयासों में प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा दिखायी गई ‘‘जल्दबाजी’’ पर सवाल उठाए और उन्हें ‘‘राजनयिक संकट
इस्लामाबादः पाकिस्तान की दो प्रमुख विपक्षी पाॢटयों ने भारत के साथ संबंध सुधारने के वास्ते किये गये प्रयासों में प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा दिखायी गई ‘‘जल्दबाजी’’ पर सवाल उठाए और उन्हें ‘‘राजनयिक संकट’’ के लिए जिम्मेदार ठहराया है। इन विपक्षी पार्टियों ने कहा है कि बैठक के लिए प्रस्ताव रखे जाने के पहले उन्हें (इमरान खान) को अपना ‘‘होमवर्क’’ करना चाहिए था। खान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने आतंकवाद और कश्मीर समेत ‘‘चुनौतीपूर्ण संबंध’’ जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर द्विपक्षीय बातचीत फिर से शुरू किये जाने का आग्रह किया था।
इस महीने न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी के बीच बैठक के लिए भारत पहले सहमत हो गया था। भारत ने जम्मू कश्मीर में तीन पुलिसर्किमयों की बर्बर हत्या और पाकिस्तान द्वारा कश्मीरी आतंकवादी बुरहान वानी का महिमामंडन करने वाले डाक टिकटें जारी करने का हवाला देते हुए शुक्रवार को बैठक रद्द किये जाने की घोषणा की थी।
डॉन की खबर के मुताबिक, दो मुख्य विपक्षी पाॢटयां पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने बैठक आयोजित करने से भारत के इनकार के बाद ताजा ‘‘राजनयिक संकट’’ के लिए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार को जिम्मेदार ठहराया। पूर्व विदेश मंत्री और पीएमएल-एन के सांसद ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने खान की निंदा की और कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद पर चर्चा के लिए तैयार है।
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि पहले दिन से ही सरकार ‘‘तैयार नहीं’’ थी। आसिफ ने कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को सामान्य किये जाने के खिलाफ नहीं हैं लेकिन पाकिस्तान की ‘‘गरिमा को बनाये रखा जाना चाहिए।पीपीपी के उपाध्यक्ष शेरी रहमान ने कहा कि इमरान खान सरकार को बैठक करने के लिए भारत का रूख करने से पहले अपना ‘होमवर्क’ पूरा करना चाहिए था।