Edited By vasudha,Updated: 08 Nov, 2019 04:17 PM
पाकिस्तान सरकार ने शुक्रवार को धर्मगुरु और राजनीतिज्ञ मौलाना फजलुर रहमान के नेतृत्व में धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों से प्रदर्शन खत्म कर विवादों को सुलझाने के लिए वार्ता की मेज पर आने को कहा...
इंटरनेशनल डेस्क: पाकिस्तान सरकार ने शुक्रवार को धर्मगुरु और राजनीतिज्ञ मौलाना फजलुर रहमान के नेतृत्व में धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों से प्रदर्शन खत्म कर विवादों को सुलझाने के लिए वार्ता की मेज पर आने को कहा। हालांकि, आठ दिन से जमे प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा इस्तीफा दिए जाने तक धरना स्थल छोड़ने से इनकार कर चुके हैं।
जमीयत उलेमा ए इस्लाम फज़ल (जेयूआई-एफ) के नेता रहमान के नेतृत्व में प्रधानमंत्री इमरान खान को अपदस्थ करने के लिए इस्लामाबाद में ‘आजादी मार्च' के तहत प्रदर्शन हो रहा है। रहमान का आरोप है कि खान 2018 के आम चुनाव में धांधली करके सत्ता में आए। रहमान ने वीरवार की रात को प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार के वार्ताकारों को तब तक वार्ता की मेज पर नहीं आना चाहिए जब तक कि इमरान खान इस्तीफा न दे दें। रक्षामंत्री परवेज खटक ने नेशलन असेंबली के सत्र के दौरान शुक्रवार को कहा कि विपक्षी पार्टियों को सभी मतभेदों को सुलझाने के लिए वार्ता की मेज पर आना चाहिए।
डान अखबार ने सरकार की ओर से वार्ता समिति का नेतृत्व कर रहे खटक को यह कहते हुए उद्धृत किया कि आप बैठे रहें, (प्रदर्शनकारियों को) लेकिन देश को नुकसान न पहुंचाएं। उन्होंने आरोप लगाया कि रहमान, सरकार की वार्ता समिति से बात करने को समय की बर्बादी मानते हैं। खटक ने कहा कि वे (विपक्ष) सुनने तक को तैयार नहीं है। मौलाना साहब कहते हैं कि यह जिरगा (संसद) समय की बर्बादी है। तब ठीक है हम भी आपके साथ समय की बर्बाद करते हैं। हालांकि, विपक्षी सदस्यों ने धमकी दी कि जेयूआई-एफ का धरना जारी रहेगा। विपक्षी पार्टियों ने गुरुवार को बिना चर्चा सरकार की ओर से 11 अध्यादेशों को नेशनल असेंबली से पारित कराने के कदम का भी विरोध किया।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता ख्वाजा आसिफ ने कहा कि अध्यादेश के जरिये कानून पारित करना ‘अच्छे लक्षण' नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी सरकार अगर इसे जारी रखती है तो इससे लोकतंत्र बर्बाद हो जाएगा। सत्र के दौरान खटक की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए आसिफ ने कहा कि आपकी पार्टी ने यह बीज बोया। गौरतलब है कि जेयूआई-एफ नेता ने गुरुवार को प्रधानमंत्री इमरान खान को पद छोड़ने के लिए दो दिन की मोहलत दी थी और कहा था कि दो दिन के बाद सरकार विरोधी प्रदर्शन को नयी दिशा दी जाएगी। रहमान ने बुधवार को चेतावनी दी थी कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो अराजकता तय है। वहीं, पाकिस्तानी सेना ने बुधवार को कहा कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे को लेकर बहुत व्यस्त है। मौजूदा गतिरोध की ओर इशारा करते हुए सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि सेना प्रदर्शन को खत्म करने के लिए मध्यस्थता नहीं करेगी।