पाक अदालत ने जरदारी की स्वास्थ्य जांच के लिए किया मेडिकल बोर्ड का गठन

Edited By Tanuja,Updated: 05 Dec, 2019 05:35 PM

pak court constitutes medical board to examine zardari s health

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के स्वास्थ्य की स्थिति की जांच करने के लिए यहां की एक अदालत ने मेडिकल बोर्ड का गठन किया है...

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के स्वास्थ्य की स्थिति की जांच करने के लिए यहां की एक अदालत ने मेडिकल बोर्ड का गठन किया है। बोर्ड से बुधवार तक रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। मीडिया में गुरुवार को आई खबरों में इसकी जानकारी दी गयी। जरदारी (64) को जून में गिरफ्तार किया गया था और उन्होंने मंगलवार को अदालत से संपर्क कर भ्रष्टाचार के दो मामलों में चिकित्सीय आधार पर जमानत मांगी थी । इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने बुधवार को मेडिकल बोर्ड का गठन किया जिसमें पाकिस्तान आयुर्विज्ञान संस्थान (पिम्स) के चिकित्सकों के अलावा जरदारी के निजी फिजिशियन को शामिल किया गया है।

 

चिकित्सीय आधार पर जमानत की जरदारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनाल्ला और न्यायमूर्ति आमिर फारूक की पीठ ने मेडिकल बोर्ड से 11 दिसंबर को रिपोर्ट तलब किया है। अदालत 11 दिसंबर को ही फर्जी बैंक खाता मामले में पूर्व राष्ट्रपति और उनकी बहन फरयाल तालपुर की ओर से दायर समान याचिका पर सुनवाई करेगी। यह मामला बड़े पैमाने पर धन शोधन से जुड़ा है जिसकी जांच संघीय जांच एजेंसी ने की थी। डॉन समाचार पत्र की खबरों में कहा गया है कि जरदारी के अधिवक्ता फारूक एच नाइक ने अदालत के समक्ष दलील दी कि पूर्व राष्ट्रपति विभिन्न बीमारियों से पीड़ित हैं।

 

नाइक ने कहा, ‘‘वह (जरदारी) दिल के मरीज हैं और उनके तीन स्टेंट लगा हुआ है । उनके सीने में होल्टर मॉनीटर लगा है ताकि चिकित्सक उनके दिल की धड़कन में बदलाव तथा धमनियों के ब्लॉकेज की जांच कर सकें। याचिकाकर्ता इस्केमिक (स्थानिक अरक्तता संबंधी) दिल की बीमारी से पीड़ित हैं जिसका मतलब यह है कि उनके दिल में रक्त और आक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो रही है ।'' अखबार ने कहा है कि अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि पूर्व राष्ट्रपति कई अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं ।

 

जरदारी ने तीन दिसंबर को अदालत से संपर्क कर अपने खिलाफ दर्ज दो मामलों में चिकित्सा आधार पर जमानत की अर्जी दायर की थी। इसमें कहा गया है कि पीपीपी के सह अध्यक्ष को उनके खिलाफ मामले की सुनवाई पूरी होने तक उन्हें जमानत दी जानी चाहिए । राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ने दावा किया कि जरदारी एवं उनकी बहन तालपुर के स्वामित्व वाली कंपनी जरदारी समूह ने संदिग्ध लेन देन के जरिए लाखों रुपये प्राप्त किये थे। यह लेन-देन धन शोधन के लिए फर्जी खातों द्वारा किया गया था । 

 

 

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