Edited By Tanuja,Updated: 13 Jan, 2021 01:15 PM
पाकिस्तान की आतंकवाद-रोधी अदालत (ATC) ने मंगलवार को देश के पंजाब प्रांत स्थितननकाना साहिब गुरुद्वारा में तोड़फोड़ के तीन दोषियों को ...
इस्लामाबादः पाकिस्तान की आतंकवाद-रोधी अदालत (ATC) ने मंगलवार को देश के पंजाब प्रांत स्थितननकाना साहिब गुरुद्वारा में तोड़फोड़ के तीन दोषियों को दो साल तक के कैद की सजा सुनाई। लाहौर के पास स्थित ननकाना साहिब को गुरुद्वारा जन्म स्थान के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि सिखों के पहले गुरु गुरुनानक का जन्म यहीं हुआ था।
जनवरी 2020 में इस गुरुद्वारे पर हिंसक भीड़ ने हमला कर पथराव किया था और इसे नुकसान पहुंचाया गया था। हालांकि, पुलिस ने हालात काबू किए थे। कोर्ट के एक अधिकारी ने बताया कि लाहौर की आतंकवाद-रोधी अदालत ने मंगलवार को मुख्य आरोपी इमरान चिश्ती को दो साल कैद और 10 हजार पाकिस्तानी रुपए की सजा सुनाई है। वहीं, दो अन्य आरोपियों मोहम्मद सलमान और मोहम्मद अहमद को छह महीने कैद की सजा दी गई। हालांकि, सबूतों के अभाव में चार अन्य आरोपियों को बरी किया गया। सजा सुनाए जाने के दौरान सभी आरोपी अदालत में मौजूद थे।
क्या है मामला ?
इमरान चिश्ती सरकारी कर्मचारी है और वह मुहम्मद हसन का बड़ा भाई है। हसन ने कथित तौर पर गुरुद्वारे के ग्रंथी की किशोर बेटी जगजीत कौर का अपहरण और इस्लाम अपनाने को मजबूर करके सितंबर, 2019 में निकाह कर लिया था। इसके बाद ननकाना साहिब में मुस्लिम और सिख समुदाय के लोग आमने सामने आ गए थे। फिलहाल जगजीत कौर लाहौर के सरकारी आश्रय गृह में रह रही है। उसका नया नाम आयशा है। कथित तौर पर उसने फिर सिख धर्म अपनाने और अपने घर लौटने से इन्कार कर दिया है। पुलिस-प्रशासन ने हसन पर उसे तलाक देने का दबाव बनाया है।