पाक डायरी: भारत के खिलाफ एक हो गए हैं चीन -पाकिस्तान

Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Sep, 2017 10:56 PM

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पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ के हालिया चीन दौरे में दोनों देशों ने फिर एक बार यारी-दोस्ती की कसमें खाईं...

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ के हालिया चीन दौरे में दोनों देशों ने फिर एक बार यारी-दोस्ती की कसमें खाईं। ऐसे में पाकिस्तानी उर्दू मीडिया को फिर एक बार चीन का गुणगान करने का मौका मिल गया है। पेइचिंग में चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भी वे सब बातें कहीं जो पाकिस्तान सुनना चाहता है। उन्होंने न सिर्फ दुनिया से आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में पाकिस्तान की तथाकथित कुर्बानियों का सम्मान करने को कहा बल्कि हर हाल में पाकिस्तान के साथ खड़े रहने का वायदा भी दोहराया। 

इस सिलसिले में पाकिस्तानी मीडिया में भारत का जिक्र न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। अखबारों ने भारत को चीन और पाकिस्तान दोनों के लिए खतरा बताया है। हालांकि कुछ अखबार पाकिस्तान को अमरीका से अपने बिगड़े रिश्ते सुधारने की नसीहत भी दे रहे हैं। म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के लिए बिगड़ते हालात पर भी पाकिस्तानी अखबारों में टिप्पणियां की गई हैं। कुल मिलाकर पाक मीडिया की नजरों में भारत के खिलाफ चीन और पाकिस्तान एक हो गए हैं। 

चीन की दोस्ती पर पक्का भरोसा
‘नवा-ए-वक्त’ ने अपने संपादकीय को हैडलाइन दी है: पाक-चीन दोस्ती में अड़चन डालने की भारत की कोशिशों को हर हाल में कामयाब नहीं होने देना चाहिए। अखबार की नजर में भारत के ‘विस्तारवादी इरादों’ से चीन और पाकिस्तान दोनों को ही खतरा है लेकिन अखबार को चीन की दोस्ती पर पक्का भरोसा है। अखबार के मुताबिक भारत के खिलाफ चीन और पाकिस्तान का मिसाली गठबंधन कायम हो चुका है। इसके साथ ही अखबार ने पाकिस्तान के ऊपर की गई चीन की तमाम मेहरबानियों को गिनाया है जिसमें संयुक्त राष्ट्र (यू.एन.) में पाकिस्तान के खिलाफ आर्थिक पाबंदियां लगवाने की भारत की कथित साजिशों पर वीटो करना और भारत को एन.एस.जी. का सदस्य न बनने देना खास तौर पर शामिल है।

पाक विदेश मंत्री का चीनी दौरा अहम
डेली पाकिस्तान ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री के चीन दौरे को बेहद अहम बताया है। अखबार लिखता है कि हाल ही में ब्रिक्स देशों के घोषणा पत्र में कुछ संगठनों के नाम लेकर आतंकवाद की निंदा की गई थी। इसके बाद प्रोपेगंडा का एक तूफान उठ गया और कुछ लोग चीन-पाक दोस्ती को लेकर फिजूल के विश्लेषण भी करने लगे। अखबार के मुताबिक चीनी नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि घोषणा पत्र में ऐसा कुछ नहीं है जो उसमें डालने की कोशिश हो रही है और जिन संगठनों के नाम लिए गए हैं वे पहले से ही प्रतिबंधित हैं।

चीन-पाकिस्तान आॢथक कॉरीडोर दुनिया के लिए गेम चेंजर
रोजनामा दुनिया ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरीडोर समझौते को पूरी दुनिया के लिए गेमचेंजर बताया है। इसके साथ ही भारत, इसराईल और अमरीका जैसे देशों पर इसमें रोड़े अटकाने का आरोप लगाया है। अखबार ने पाकिस्तानी विदेश नीति को बेहतरीन बताते हुए यह भी सुझाव दिया है कि किसी एक देश पर पूरी तरह निर्भर होना सही नहीं है इसीलिए पाकिस्तान को अमरीका समेत पूरी दुनिया से रिश्ते बेहतर करने चाहिएं।

मुश्किल में रोहिंग्या
उधर ‘जंग’ ने म्यांमार में रोहिंग्या संकट को अपने संपादकीय में उठाते हुए अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी से तुरंत इस तरफ ध्यान देने को कहा है। अखबार लिखता है कि पाकिस्तान और दूसरे मुसलमान देशों के अलावा अमरीका व यूरोप में भी रोहिंग्या मुसलमानों के लिए प्रदर्शन हुए और उन पर हो रहे जुल्मों का विरोध किया गया है।

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