Edited By Tanuja,Updated: 24 Jan, 2021 02:00 PM
पाकिस्तान में चीन के महत्वाकांक्षी CPEC प्रोजेक्ट का जमकर विरोध किया जा रहा है । जनता के साथ- साथ अब विपक्षी दलों ने भी इसका विरोध शुरू ...
इस्लामाबादः पाकिस्तान में चीन के महत्वाकांक्षी CPEC प्रोजेक्ट का जमकर विरोध किया जा रहा है । जनता के साथ- साथ अब विपक्षी दलों ने भी इसका विरोध शुरू कर दिया है। पाक सीनेट (उच्च सदन) में सरकार से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीइसी) के मुद्दे पर सही जवाब न मिलने पर विपक्षी सदस्यों ने सदन का वॉकआउट कर दिया। विपक्षी सदस्यों ने लेफ्टीनेंट जनरल रिटायर्ड असिम सलीम बाजबा की चीनी दूत के साथ बैठक का भी विरोध किया।
उनका कहना था कि जब CPEC का कोई चेयरमैन नहीं है और इसके विधेयक की अवधि भी समाप्त हो चुकी है तो ऐसी बैठक का क्या औचित्य है। बाजवा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी उन्हें वेतन क्यों दिया जा रहा है। विपक्षी सीनेट सदस्यों का कहना है कि बाजवा विवादित चेयरमैन रहे हैं। उन पर भ्रष्टाचार के भी आरोप हैं। सभी विपक्षी सदस्यों ने मांग की कि भविष्य में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के चेयरमैन के पद पर ऐसे किसी भी व्यक्ति को नियुक्त न किया जाए, जिस पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं।
CPEC चीन का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है जो गुलाम कश्मीर और अक्साई चिन जैसे विवादित इलाकों से होकर गुजरता है। भारत लगातार इस प्रोजेक्ट का विरोध करता रहा है, क्योंकि यह गुलाम कश्मीर से होकर गुजरता है। मुख्य तौर पर यह एक हाइवे और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है जो चीन के काशगर प्रांत को पाकिस्तान के ग्वारदर पोर्ट से जोड़ेगा। इस प्रोजेक्ट के तहत पाकिस्तान में बंदरगाह, हाइवे, मोटरवे, रेलवे, एयरपोर्ट और पावर प्लांट के साथ ही दूसरे इंफ्रास्क्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को विकसित किया जाएगा।