Edited By Tanuja,Updated: 16 Jun, 2021 04:27 PM
पाकिस्तान में चीफ जस्टिस गुल्जार अहमद ने सिंध सरकार को अब अपने निशाने पर लिया है। चीफ जस्टिस गुल्जार अहमद ने सिंध सरकार को कड़ी फटकार ...
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में चीफ जस्टिस गुल्जार अहमद ने सिंध सरकार को अब अपने निशाने पर लिया है। चीफ जस्टिस गुल्जार अहमद ने सिंध सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि प्रांत में लगातार सार्वजनिक जगहों पर अतिक्रमण और निर्माण हो रहे हैं। देश के प्रधान न्यायधीश ने एक सिविल मिसलिनिएस एप्लीकेशन पर सुनवाई के दौरान कटाक्ष करते हुए कहा कि सिंध सरकार तो कनाडा के इशारे पर काम कर रही है। इस याचिका में कोर्ट का ध्यान खाली पड़ी जमीन पर लैंड माफिया के कब्जे की तरफ दिलाया गया था जिसमें राजनीतिक पार्टियों की सहभागिता भी बताई गई थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस गुलजार ने सिंध में बन रहे शाहराह ए फैसल टावर के निर्माण से जुड़े एक मामले में सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कनाडा में बैठा यूनुस मेमन प्रांतीय सरकार को कनाडा से चला रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि यदि सरकार ऐसे नाले की सफाई नहीं कर सकती है तो वो प्रांत कैसे चलाएगी। जस्टिस गुल्जार यहीं पर नहीं रुके बल्कि उन्होंने कहा कि सरकार का कराची की जनता से जुड़े मसलों से कोई लेना देना नहीं है बल्कि बिल्डिंग कंट्रोल ऑथरिटी को पैसे देकर जो मन में है वो करिए। उन्होंने कहा कि सिंध में सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गई है।
कोर्ट ने कहा कि उन्होंने एक वर्ष पहले इस तरह के गंदे नालों को साफ करने का आदेश दिया था लेकिन सरकार हर बार कोई न कोई समसया बताकर समय टालती रहती है। उन्होंने ये भी कहा कि मेमन जैसे लोग कम नहीं हुए हैं बल्कि लगातार बढ़ रहे हैं। प्रांत में कई जगहों पर सर्विस रोड तक का अतिक्रमण किया जा चुका है और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। उन्होंने रेल मंत्रालय को भी हालिया कुछ रेल हादसों केलिए आड़े हाथों लिया। उन्होंने पीएम से अपील की कि इसको सुधारने के लिए तेजी से काम किया जाए। उन्होंने रेलवे मंत्री द्वारा दिए गए बयान पर भी कड़ी आपत्ति जताई।
जस्टिस गुल्जार ने सुनवाई के दौरान कहा कि प्रांतीय सरकार को एजूकेशन प्रोजेक्ट के तहत अढ़ाई खरब से अधिक रुपए दिए गए थे जिसका काम 2014 में शुरू होकर 2017 में खत्म हुआ था। इसी तरह से डेढ़ खबर रुपये पानी के लिए तरस रहे लोगों के लिए रिवर्स ऑस्मोसिस प्लांट लगाने के लिए दिए गए थे। इस बात की जिम्मेदारी ऑथरिटी को है कि वो शहर के विकास और समस्याओं के हल के लिए क्या फैसला लेती है। ऑथरिटी कोई बजट पास करती है तो उसका इस्तेमाल लोगों के हक के लिए नहीं किया जाता है जोकि बेहद गंभीर मसला है।