Edited By Tanuja,Updated: 22 Jul, 2020 04:13 PM
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को देश में YouTube पर प्रतिबंध लगाने का संकेत दिया। अदालत ने एक सांप्रदायिक अपराध में शामिल शौकत अली
पेशावरः पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को देश में YouTube पर प्रतिबंध लगाने का संकेत दिया। अदालत ने एक सांप्रदायिक अपराध में शामिल शौकत अली नामक शख्स के मामले की सुनवाई के दौरान इस बात की तरफ इशारा किया। न्यायमूर्ति काजी मुहम्मद अमीन और न्यायमूर्ति मुशीर आलम इस मामले की सुनवाई करते हुए सोशल मीडिया पर अनियमित सामग्री, विशेषकर न्यायपालिका, सशस्त्र बलों और सरकार के संबंध में टिप्पणियों पर आपत्ति जताई।
न्यायमूर्ति अमीन ने टिप्पणी की कि न्यायपालिका के परिवार के सदस्य YouTube पर जांच के दायरे में आते हैं। उन्होंने कल घोषित एक फैसले का उल्लेख किया, जिस पर मंच पर चर्चा की गई थी और पूछा गया था कि क्या पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (PTA) और संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने मंच पर ऐसी घटनाओं का नोटिस लिया था, जहां न्यायाधीशों का मजाक उड़ाया जाता है और शर्मिंदा किया जाता है। PTA के एक अधिकारी ने अदालत को बताया कि वे आपत्तिजनक सामग्री को हटा नहीं सकते लेकिन केवल इसकी रिपोर्ट कर सकते हैं।
जस्टिस मुशीर आलम ने कहा कि कई देशों में यूट्यूब पर प्रतिबंध है। उन्होंने पूछा कि क्या कोई भी मंच पर संयुक्त राज्य अमेरिका या यूरोपीय संघ के खिलाफ सामग्री पोस्ट करने की हिम्मत करेगा। न्यायमूर्ति अमीन ने पूछा कि ऐसे अपराधों के लिए कितने लोगों पर मुकदमा चलाया गया है जबकि न्यायमूर्ति आलम ने कहा कि कई देशों में स्थानीय कानूनों के माध्यम से सोशल मीडिया को विनियमित किया जाता है। अदालत ने इस मामले पर पाकिस्तान के अटॉर्नी-जनरल और विदेश मंत्रालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। बता दें कि एक दिन पहले ही PTA ने एक चाइनीज ऐप Bigo को बैन कर दिया औऱ Tiktok को बैन करने की चेतावनी जारी की है।