Edited By Tanuja,Updated: 31 Jan, 2023 03:06 PM
दिवालिएपन की कगार पर खड़े पाकिस्तान को अपने बुरे हालात से उबरने के लिए दुनिया के आगे हाथ फैलाना पड़ रहा है । अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष...
इस्लामाबादः दिवालिएपन की कगार पर खड़े पाकिस्तान को अपने बुरे हालात से उबरने के लिए दुनिया के आगे हाथ फैलाना पड़ रहा है । अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा रुके ऋण कार्यक्रम को फिर शुरू करने की मांग स्वीकार करने के बाद पाकिस्तान ने नए करों में 200 अरब रुपए लगाने के लिए दो मसौदा अध्यादेश तैयार किए हैं। पाकिस्तानी अखबार डान की रिपोर्ट के मुताबिक, IMF द्वारा पाकिस्तान को राहत देने से इनकार करने के बाद सरकार को IMF की शर्तें माननी पड़ी है। इस बीच देश के आर्थिक हालात बद से बदतर हुए हैं।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार मात्र 3.68 अरब अमरीकी डॉलर रह गया है। इससे पाकिस्तान मात्र तीन सप्ताह तक ही आयात कर सकता है। एक अधिकारी के हवाले से पाकिस्तानी अखबार डान ने बताया कि मसौदा अध्यादेशों में कर और बाढ़ शुल्कों से 100 अरब रुपए जुटाने का प्रस्ताव है। पाकिस्तान बिजली सब्सिडी बंद करने, निर्यात के लिए कच्चे माल पर बिक्री कर लगाने के साथ-साथ बिजली और गैस दरों में बढ़ोतरी करने पर भी विचार कर रहा है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा इन नीतिगत उपायों को लागू किए जाने का आश्वासन दिए जाने के बाद IMF की टीम 31 जनवरी को इस्लामाबाद पहुंचेगी। पाकिस्तान सरकार राजनीतिक लाभ-हानि के विचार से पिछले चार महीनों से इन मुश्किल आर्थिक निर्णयों को टाल रही थी।
पाकिस्तानी संघीय राजस्व बोर्ड आयात स्तर पर एकत्रित किए जाने वाले बाढ़ शुल्क से पेट्रोलियम विकास लेवी (पीडीएल) की कमी पूरी करेगा। आईएमएफ का अनुमान है कि पीडीएल अपेक्षित लक्ष्य से 300 अरब रुपए कर रह जाएगी। बैंक ने पेट्रोल और डीजल पर इस लेवी को मौजूदा 35 रुपए से बढ़ाकर 50 रुपये प्रति लीटर करने के लिए कहा है। पाकिस्तान में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 35 रुपए प्रति लीटर बढ़ोतरी की गई है।