Edited By Isha,Updated: 13 Aug, 2018 07:00 PM
पाकिस्तान अपना 70वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। 15 अगस्त, 1947 भारतीय इतिहास की वो तारीख है जब हमारा देश ब्रिटिश हुकूमत से आजाद हुआ था वहीं इसी दिन पाकिस्तान को भी आजादी
इंटरनैशनल डेस्कः पाकिस्तान अपना 70वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। 15 अगस्त, 1947 भारतीय इतिहास की वो तारीख है जब हमारा देश ब्रिटिश हुकूमत से आजाद हुआ था वहीं इसी दिन पाकिस्तान को भी आजादी मिली थी लेकिन 15 अगस्त के बावजूद पाकिस्तान अपनी आजादी का जश्न 14 अगस्त को मनाता है।
पाक का 14 अगस्त को मनाए जाने वाले स्वतंत्रता दिवस के पीछे एक कारण छुपा है. दरअसल, हुआ यूं था कि पाकिस्तान के रूप में एक अलग राष्ट्र की स्वीकृति 14 अगस्त को हो गई थी। इसी दिन ही ब्रिटिश लॉर्ड माउंटबेटेन ने पाक को स्वत्रंत राष्ट्र का दर्जा देकर सत्ता सौंपी थी। लिए पाकिस्तान ने अपना आजादी का जश्न हर साल 14 अगस्त को ही पाकिस्तान स्वत्रंता दिवस मनाता है।
13 को लोगो ने शुरू किया था शहरों को छोड़ना
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 1948 में पाकिस्तान ने जो पहला डाक टिकट जारी किया उसमें आजादी की तारीख 15 अगस्त 1947 ही दर्ज है। देश के दो हिस्से हो चुके थे और इसके साथ ही हिंदू और मुस्लिमों का भी विभाजन होना शुरू हो गया था। 13 अगस्त को मुस्लिम महिलाओं ने दिल्ली से ट्रेन में बैठकर पाकिस्तान जाना शुरू कर दिया था और पाकिस्तान से हिंदुओं को भारत भेजा जा रहा था। पाकिस्तान से जो ट्रेनें भारत आ रही थीं, उनमें बोगियां लाशों से भरी हुई निकल रही थीं।
आजादी के दैरान चारों तरफ हुआ खून-खराबा
एक तरफ देश में आजादी का जश्न मनाने की तैयारी चल रही थीं तो दूसरी तरफ भारत-पाकिस्तान बंटवारे के चलते चारों ओर खून-खराबा मचा था।हिंदुस्तान-पाकिस्तान बंटवारा महज 50 से 60 दिन के भीतर हुआ लाखों लोगों का विस्थापन था, जो पूरे विश्व में कहीं नहीं हुआ था। बंटवारे की घोषणा होते ही एक स्थान पर सालों से रहने वाले अपना घर बार, जमीन, दुकानें, जायदाद, संपत्ति, खेती किसानी छोड़कर हिंदुस्तान से पाकिस्तान और पाकिस्तान से हिंदुस्तान आ गए।
मुस्लिमों में था खुशी का माहौल
विभाजन की इस रूह कंपा देने वाली त्रासदी में एक अनुमान के मुताबिक करीब 20 लाख से ज्यादा लोग मारे गए थे। पाकिस्तान से हिंदुस्तान आए लोगों को अपने जीवन यापन के लिए जिस त्रासदी से गुजरना पड़ा, उसका दर्द उनके सिवाय कोई और नहीं समझ सकता। उस वक्त मुस्लिम समुदाय के लोगों में खुशी का माहौल था, क्योंकि उन्हें पता चल चुका था कि अगले दिन यानी 14 अगस्त को उनके लिए एक अलग राष्ट्र यानी पाकिस्तान बन जाएगा।