Edited By ,Updated: 29 Mar, 2017 05:42 PM
पीपीपी नेता आसिफ अली जरदारी के करीबी सहयोगी और पाकिस्तान के पूर्व मंत्री आसिम हुसैन को सिंध उच्च न्यायालय ने आज स्वास्थ्य के आधार पर जमानत..
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और पीपीपी नेता आसिफ अली जरदारी के करीबी सहयोगी और पाकिस्तान के पूर्व मंत्री आसिम हुसैन को सिंध उच्च न्यायालय ने आज स्वास्थ्य के आधार पर जमानत दे दी। वह अरबों रूपए के भ्रष्टाचार के दो मामलों में आरोपी हैं। हुसैन 462 अरब रुपए के घोटाले में अगस्त 2015 से जेल में थे। उन पर साल 2010 से 2013 के बीच सरकारी खजाने को 462 अरब रुपए की चपत लगाने का आरोप है। हालांकि उन्होंने कुछ भी गलत करने से इंकार किया है। पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) का कहना है कि पूर्व राष्ट्रपति जरदारी के प्रति वफादारी के चलते हुसैन को निशाना बनाया जा रहा है।
हुसैन को सिंध उच्च न्यायालय ने 50 लाख रूपए के मुचलके पर जमानत दी है। उनके खिलाफ राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो(एनएबी)ने मुकदमा दर्ज किया है।न्यायमूर्ति आफताब अहमद गोरार ने हुसैन के बिगड़ते स्वास्थ्य के आधार पर जमानत मंजूर की।सिंध उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सैयद सज्जाद अली शाह ने न्यायमूर्ति गोरार को इस मामले में रेफरी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया था। दरअसल अदालत की पीठ हुसैन को जमानत देने पर सहमति नहीं हो पा रही थी।
पूर्व पेट्रोलियम मंत्री हुसैन को अगस्त 2015 में रेंजर्स ने गिरफ्तार किया था। तीन महीने के एहतियाती हिरासत में रखने के बाद अर्धसैनिक बल ने उन्हें पुलिस को सौंप दिया था। एनएबी को उनका हिरासत दिसंबर, 2015 में सौंपा गया ताकि वह भ्रष्टाचार मामले की जांच शुरू कर सके।