Edited By Tanuja,Updated: 10 Sep, 2018 10:36 AM
पाकिस्तान की आर्थिक हालत में सुधार के लिए वित्त मंत्री असद उमर की अध्यक्षता में मीटिंग की गई जिसमें इकनॉमिक अडवाइजरी काउंसिल (EAC) के सदस्य मौजूद थे। आयात घटाने और निर्यात बढ़ाने बेलआउट पैकेज से बचने के लिए कई विचारों पर चर्चा की गई...
इस्लामाबादः पाकिस्तान की आर्थिक हालत में सुधार के लिए वित्त मंत्री असद उमर की अध्यक्षता में मीटिंग की गई जिसमें इकनॉमिक अडवाइजरी काउंसिल (EAC) के सदस्य मौजूद थे। आयात घटाने और निर्यात बढ़ाने बेलआउट पैकेज से बचने के लिए कई विचारों पर चर्चा की गई । दरअसल दूसरों पर निर्भर रहनेवाले पाकिस्तान ने अब इससे बाहर निकलने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।इसी के चलते अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मिलनेवाले बेलआउट पैकेज से बचने के लिए इमरान खान सरकार लग्जरी कारों, स्मार्टफोन्स के साथ-साथ चीज के आयात पर पाबंदी लगा सकती है।
एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के चालू खाते का घाटा लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में पाकिस्तान के गिरते एक्सपोर्ट और बढ़ते इंपोर्ट की वजह से वहां डॉलर की कमी हो गई थी और इससे लोकल करंसी पर दबाव बन रहा था। इस वजह से इमरान खान के शपथ लेने से पहले ही अर्थशास्त्री अनुमान लगा रहे थे कि वह पीएम बनते ही IMF से बेलआउट पैकेज की मांग करेंगे, लेकिन हुआ इसका उल्टा। पाकिस्तान इससे पहले 14 बार (1980 से अबतक) बेलआउट पैकेज ले चुका है। प्रधानमंत्री बनने के बाद इमरान खान ने साफ किया कि उन्हें दूसरों पर निर्भर रहने की आदत ठीक नहीं लगती। इस वजह से EAC की मीटिंग का मुख्य उद्देश्य बेलआउट पैकेज से बचने की राह तलाशना था।