Edited By Tanuja,Updated: 17 Oct, 2021 12:30 PM
कंगाल पाकिस्तान की इमरान खान सरकार की मुश्किलें और बढ़ती नजर आ रही हैं। दरअसल पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के बीच ...
इस्लामाबादः कंगाल पाकिस्तान की इमरान खान सरकार की मुश्किलें और बढ़ती नजर आ रही हैं। दरअसल पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के बीच मेमोरेंडम ऑफ इकोनॉमिक एंड फाइनेंशियल पॉलिसीज (MEFP) पर सहमित नहीं बन पाई। दोनों ही पक्षों को छह बिलियन अमेरिकी डॉलर के एक्सटेंडेंट फंड फैसिलिटी (EFF) के तहत स्टाफ-स्तरीय समझौते पर सहमति बनानी थी लेकिन वे ऐसा करने में विफल रहे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस्लामाबाद को उम्मीद है कि देश के वित्त सचिव वाशिंगटन डीसी में अगले कुछ दिनों के लिए और रुक सकते हैं ताकि इसके जरिए MEFP पर सहमति बनाई जा सके और सर्वसम्मित विकसित हो सके। पाकिस्तान को ऐसा करने की आखिरी उम्मीद नजर आ रही है। पड़ोसी मुल्क को उम्मीद है कि EFP प्रोग्राम के तहत एक बिलियन अमेरिकी डॉलर की किश्त की मंजूरी का रास्ता खोलने के लिए छठी और सातवीं समीक्षा पूरी की जा सके।
रिपोर्ट के अनुसार IMF के कर्मचारी MEFP के तहत पाकिस्तान के व्यापक आर्थिक ढांचे से असंतुष्ट हैं और इस पर सहमति भी नहीं बनी है। दूसरी ओर, इन सबके बावजूद सरकार ने बेसलाइन टैरिफ के लिए औसतन 1.39 रुपए प्रति यूनिट बिजली शुल्क बढ़ा दिया है। पेट्रोल के लिए पीओएल की कीमतों में 10.49 रुपए और डीजल के लिए 12.44 रुपए की बढ़ोतरी की गई है।