Edited By Tanuja,Updated: 22 Jun, 2019 11:07 AM
आतंकवाद के मुद्दे पर घिरा पाकिस्तान आर्थिक मंदहाली के सबसे बुरे दौर से गुर रहा है। ऐसे में पाक के लिए बड़ी राहत की...
इस्लामाबादः आतंकवाद के मुद्दे पर घिरा पाकिस्तान आर्थिक मंदहाली के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ऐसे में पाक के लिए बड़ी राहत की खबर है कि 3 देशों ने संकटमोचक बन कर पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ब्लैक लिस्ट में जाने से बचा लिया है।FATF के सदस्य देशों से समर्थन हासिल करने के लिए लगातार कूटनीतिक कोशिश कर रहा पाक तुर्की, चीन व मलेशिया का समर्थन पाने में कामयाब रहा।
पाकिस्तान अभी बच तो गया, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है क्योंकि संस्था इस साल अक्तूबर में आधिकारिक तौर पर अपना फैसला सुनाएगी। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने इस पर कुछ भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। ब्रिटेन की यात्रा पर गए पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने दावा किया कि ब्रिटेन ने पाकिस्तान के ‘ग्रे’ सूची से बाहर निकलने के प्रयासों का समर्थन करने पर सहमति दी है।
नियम के मुताबिक, ब्लैक सूची में जाने से बचने के लिए कम से कम तीन सदस्य देशों का समर्थन मिलना जरूरी है। जबकि ‘ग्रे’ सूची से बाहर आने के लिए 36 वोटों में से 15 वोट मिलने जरूरी हैं। अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के वित्तपोषण की निगरानी करने वाली संस्था 'फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को वित्तपोषण पर अपनी कार्ययोजना को पूरा करने में विफल रहा है।
FATF ने पाकिस्तान को अक्टूबर तक अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने या कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी है जिसके तहत उसे काली सूची में डाला जा सकता है। फ्लोरिडा के ओरलैंडो में अपनी पूर्ण बैठक के समापन पर जारी एक बयान में, (FATF ने चिंता व्यक्त की कि ''न केवल पाकिस्तान जनवरी की समय सीमा के साथ अपनी कार्ययोजना को पूरा करने में विफल रहा, बल्कि वह मई 2019 तक भी अपनी कार्य योजना को पूरा करने में भी विफल रहा है। FATF ने ''कड़ाई से पाकिस्तान से अक्टूबर 2019 तक अपनी कार्ययोजना को पूरा करने का अनुरोध किया।