Edited By shukdev,Updated: 08 Mar, 2019 06:40 PM
अमरीका के एक प्रमुख समाचार पत्र ने कहा है कि पाकिस्तान ने भारत पर हमला करने वाले आतंकवादी समूहों पर कभी भी गंभीरता से कार्रवाई नहीं की। उसने चेतावनी दी है कि दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध का खतरा बरकरार है और इसका दीर्घकालिक समाधान बिना...
न्यूयॉर्क: अमरीका के एक प्रमुख समाचार पत्र ने कहा है कि पाकिस्तान ने भारत पर हमला करने वाले आतंकवादी समूहों पर कभी भी गंभीरता से कार्रवाई नहीं की। उसने चेतावनी दी है कि दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध का खतरा बरकरार है और इसका दीर्घकालिक समाधान बिना अंतरराष्ट्रीय दबाव के संभव नहीं है। न्यूयॉर्क टाइम्स समाचार पत्र ने‘दिस इज वेयर अ न्यूक्लियर एक्सचेंज इज मोस्ट लाइक्ली (इट्स नॉट नॉर्थ कोरिया)’नाम से एक लेख में यह बातें कहीं हैं। अखबार ने कहा कि बीते सप्ताह दोनों देशों के बीच तनातनी के बाद रिश्तों में शांति समाधान नहीं है। अखबार के मुताबिक, जब-जब भारत और पाकिस्तान ने अपने मुख्य मुद्दे यानि कश्मीर के भविष्य पर समझौता करने से इनकार किया है, तब-तब उन्हें अप्रत्याशित तथा संभवत: भयानक परिणामों का सामना करना पड़ा है।
समाचार पत्र का कहना है कि अगली बार इस तरह की तनातनी को शांतिपूर्ण तरीके से नहीं सुलझाया जा सकेगा। समाचार पत्र ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत पर हमला करने वाले आतंकवादी समूहों पर कभी गंभीरता से कार्रवाई नहीं की। अखबार ने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि है उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के भाई समेत विभिन्न सशस्त्र समूहों के 121 सदस्यों को हिरासत में लिया है और संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादियों की सूची में शामिल आतंकवादियों की संपत्ति जब्त करने की योजना बनाई है, लेकिन पाकिस्तान ने ऐसे वादों पर शायद ही कभी अमल किया हो।
लेख के मुताबिक बिना अंतराष्ट्रीय दबाव के दीर्घकालिक समाधान की संभावना नहीं है और परमाणु हथियारों का खतरा बना हुआ है। अखबार का कहना है कि चीन पाकिस्तान का प्रमुख सहयोगी है और उसे कर्ज देता है। अगर चीन मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादियों की सूची में शामिल करने से सुरक्षा परिषद को नहीं रोकता है तो इससे पाकिस्तान को यह संदेश मिलेगा कि उसे अपने आतंकवादी समूहों को नियंत्रित करना ही होगा।