Edited By ,Updated: 15 Oct, 2016 12:44 PM
पाकिस्तान के बड़े अखबार 'द डॉन' के एक संपादकीय में कहा गया है कि पाकिस्तान में सेना की जवाबदेही की कभी कोई परंपरा नहीं रही है...
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के बड़े अखबार 'द डॉन' के एक संपादकीय में कहा गया है कि पाकिस्तान में सेना की जवाबदेही की कभी कोई परंपरा नहीं रही है। इस लेख में कहा गया हैै कि अव्वल तो इस तरह की परंपरा पाकस्तिान सेना में है ही नहीं और यदि है भी तो वह केवल नाममात्र की ही है।
अखबार के पूर्व संपादक अब्बास नासिर ने पाकिस्तान में मौजूदा समय में चल रही राजनीति और प्रैस पर अघोषित पाबंदी पर हमला बोलते हुए 'Storm in a teacup?' की हैडिंग से लिखे इस लेख में कहा गया है कि डॉन के पत्रकार का मामला इसका ताजा उदाहरण है। गौरतलब है कि डॉन के पत्रकार अल्मीड़ा ने अपनी एक खबर में पाक सेना और पाकिस्तान सरकार के बीच अलगाव की खबर लिखी थी। इसके बाद अल्मीड़ा पर पाक सेना की ओर से किए गए जुल्मों का पहाड़ टूट गया। हालांकि अंतरराष्ट्रीय जगत में इसको लेकर पाकिस्तान की काफी थू-थू भी हुई, जिसके बाद अल्मीड़ा पर पाकिस्तान में घूमने फिरने से पाबंदी हटा ली गई।
नासिर ने अपने इस लेख में लिखा है कि बहुत कम अखबार ही पाकिस्तान की सेना और पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ लिखने की हिम्मत कर पाते हैं। इसमें लिखा गया है कि इन दोनों के बीच ही हमेशा से ही सत्ता को लेकर संघर्ष साफतौर पर दिखाई देता रहा है। यही वजह है कि इन दोनों की ही वजह से देश में तनाव बरकरार रहता है।