Edited By Tanuja,Updated: 23 Mar, 2022 11:56 AM

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार बहुत बड़े राजनीतिक संकट से गुजर रही है। माना जा रहा है कि अब इमरान खान की कुर्सी जाना...
इस्लामाबादः पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार बहुत बड़े राजनीतिक संकट से गुजर रही है। माना जा रहा है कि अब इमरान खान की कुर्सी जाना तय है । विपक्ष इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला रहा जिस पर 28 मार्च को वोटिंग होनी है। लेकिन आर्मी चीफ ने इससे पहले ही उन्हें इस्तीफा देने का आदेश दे दिया है। इस बीच बड़ी खबर सामने आई है कि इमरान खान सत्ता संकट में घिरते ही उनके करीबियों ने पाकिस्तान छोड़ना शुरू कर दिया है।
खान के पूर्व एडवाइजर शहजाद अकबर, चीफ सेक्रेटरी आजम खान और पूर्व चीफ जस्टिस गुलजार अहमद देश छोड़ कर जा चुके हैं। इमरान के इन करीबियों को लगता है कि तख्तापलट होने के बाद इनकी मुश्किलों में इजाफा हो सकता है, इसलिए सभी पाकिस्तान छोड़कर भाग गए हैं। 25 या 28 मार्च को संसद में नो कॉन्फिडेंस मोशन यानी अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी। कयास लगाए जा रहे हैं कि इमरान फ्लोर टेस्ट के पहले ही इस्तीफा दे देंगे। ये भी कयास हैं कि वो संसद में भाषण के बाद कुर्सी छोड़ेंगे। बहरहाल, खान कुर्सी छोड़ें या न छोड़ें, उनके पूर्व करीबी मुल्क जरूर छोड़ने लगे हैं। खास बात ये है कि पाकिस्तान के कई जर्नलिस्ट इस बारे में पहले ही आशंका जता रहे थे।

शहजाद अकबर भ्रष्टाचार और आंतरिक मामलों पर इमरान के सलाहकार थे। खान उन्हें ब्रिटेन से पाकिस्तान लाए थे। इमरान चाहते थे कि नवाज शरीफ और उनके परिवार को भ्रष्टाचार के मामलों में सजा दिलाई जाए। नवाज तो जेल से इलाज के लिए लंदन चले गए। देश में उनके भाई शहबाज और बेटी मरियम रह गईं। अकबर ने दर्जनों प्रेस कॉन्फ्रेंस कीं और वहीं शरीफ परिवार को दोषी करार दिया। लेकिन, अदालत ने सबको बरी कर दिया, क्योंकि सबूत नहीं थे।
रिंग रोड, शुगर, हाउसिंग जैसे घोटालों के आरोप इमरान सरकार पर लगे। इस पर चुप्पी साध ली गई। फिर जनवरी के आखिर में बहुत दबे सुरों में अकबर के इस्तीफे की खबर आई। इसके बाद वो कहीं नजर नहीं आए। अब कहा जा रहा है कि वो परिवार समेत लंदन लौट चुके हैं। जनवरी तक गुलजार पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस थे। उनके बारे में मिलीजुली बातें कही जाती हैं। एक तरफ तो उन्होंने इमरान सरकार को गवर्नेंस के मुद्दे पर फटकार लगाई और सरकार चलाने के तौर तरीकों पर सवाल उठाए।

तो वहीं दूसरी तरफ, कुछ साफ इशारे इस बारे में भी मिले कि वो फौज के कहने पर फैसले करते हैं।इमरान ने भ्रष्टाचार के कई मुद्दों पर फैसले लटकाए रखे। इनमें ज्यादातर सरकार से जुड़े मामले थे। उन्होंने फौज को आखिरी वक्त में नाराज कर दिया। एक फैसले में कहा- आर्मी को जमीन मुल्क की हिफाजत के लिए दी गई है। वो उन पर मैरिज हॉल और थिएटर बनाकर पैसा क्यों कमा रही है?
गुलजार का परिवार जनवरी में उनके रिटायर होने के काफी पहले ही अमेरिका जा चुका था। इस महीने की शुरुआत में उन्होंने भी मुल्क छोड़ दिया। अमेरिका में रहने वाले पाकिस्तानी वकील, जर्नलिस्ट और सोशल वर्कर डॉक्टर साजिद तराड़ ने कहा- इमरान के करीबियों के भागने का सिलसिला सिर्फ शुरू हुआ है। अभी कम से कम 8 मिनिस्टर मुल्क छोड़ेंगे। नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर मोईद यूसुफ भी बस जाने ही वाले हैं। इमरान के बच्चे लंदन में है। वो भी वहां चले जाएं तो हैरानी की बात नहीं होगी।
