Edited By Tanuja,Updated: 22 Sep, 2020 02:48 PM
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की समीक्षा बैठक के लिए जैसे-जैसे अक्टूबर की समय सीमा नजदीक आ रही है पाकिस्तान की टेंशन भी बढ़ती जा ...
पेशावरः फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की समीक्षा बैठक के लिए जैसे-जैसे अक्टूबर की समय सीमा नजदीक आ रही है पाकिस्तान की टेंशन भी बढ़ती जा रही है। FATF द्वारा काली सूची में डाले जाने की आशंका के मद्देनजर हताश पाकिस्तान ने पुरानी चाल चलते हुए वैश्विक निगरानी संस्था को गुमराह करना शुरू कर दिया है । पाकिस्तान ने JuD प्रमुख और लश्कर-ए-तैयबा के संरक्षक हाफिज सईद को बचाने के लिए एक और प्रयास किया है। सुरक्षा विशेषज्ञों ने कहा कि इस्लामाबाद वैश्विक आतंकवाद रोधी निगरानी संस्था को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है ताकि ब्लैक लिस्टेड से बचने अलावा अपनी धरती पर खुलेआम घूम रहे शीर्ष आतंकी अपराधियों को बचा सके।
हाल ही के एक फैसले में पाकिस्तान की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने आतंकवाद और आतंक के वित्तपोषण के लिए अपनी संपत्तियों का उपयोग करने के आरोप में LeT, JuD और इसके सहयोगी अल हमद ट्रस्ट से जुड़े तीन आतंकवादियों ज़फर इकबाल, हाफिज अब्दुल सलीम और हाफिज अब्दुल रहमान मक्की को दोषी ठहराया था जिन पर संगठन पर सख्ती दिखा सकता है। हालांकि, अदालत ने इकबाल और सलीम को कुल छह साल के कारावास के साथ एक-एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई, जबकि मक्की को डेढ़ साल की जेल और पाकिस्तानी रुपये 20,000 के जुर्माने के साथ छोड़ दिया गया।
मक्की लश्कर चीफ हाफिज सईद का साला है। वह JuD के राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय मामलों के प्रमुख भी हैं। शीर्ष सुरक्षा सूत्रों ने कहा कि अदालत ने उन्हें यह कहते हुए एक छोटी सी सजा सुना दी कि चूंकि वह ट्रस्ट के उपाध्यक्ष हैं, इसलिए वे संगठन के महत्वपूर्ण फैसले नहीं ले सकते। "तथ्य यह है कि चूंकि मक्की सईद से संबंधित है और JuD का एक महत्वपूर्ण कार्यकर्त्ता है, जो लश्कर का मूल संगठन है, उसे बचाने का प्रयास किया गया है। दरअसल पाक ने आंतकियों के खिलाफ यह मामूली कार्रवाई सिर्फ एफएटीएफ की आंखों में धूल झोंकने के लिए की गई है