Edited By Isha,Updated: 14 Jul, 2018 09:55 AM
पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन और कार्यवाहक प्रधानमंत्री सेवानिवृत्त न्यायाधीश नसीरूल मुल्क ने मस्तुंग और बन्नू में हुए आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा की है। शुक्रवार को हुए इन हमलों
इंटरनैशनल डेस्कः पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन और कार्यवाहक प्रधानमंत्री सेवानिवृत्त न्यायाधीश नसीरूल मुल्क ने मस्तुंग और बन्नू में हुए आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा की है। शुक्रवार को हुए इन हमलों में 130 से अधिक लोग मारे गए थे। रेडियो पाकिस्तान की शनिवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक हुसैन और मुल्क ने विस्फोटों में लोगों के मारे जाने पर गहरा दुख और शोक प्रकट किया साथ ही उन्होंने घायलों को सबसे बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये।
कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुल्क ने बलूचिस्तान के कार्यवाहक मुख्यमंत्री अलाउद्दीन मार्री से फोन पर घटना की जानकारी ली तथा उन्हें घटना की विस्तृत रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिये। पाकिस्तान सशस्त्र सुरक्षा बल की मीडिया इकाई आईएसपीआर के महानिदेशक ने ट्विटर पर लिखा कि महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक गतिविधि को बाधित करने के असामाजिक तत्वों के प्रयास सफल नहीं होंगे। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष एवं सांसद बिलावल भुट्टो जरदारी, पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट के संयोजक खालिद मकबूल सिद्दीकी ने अलग-अलग वक्तव्य जारी कर इन कायरतापूर्ण कृत्यों की कड़ी ङ्क्षनदा की है।
डॉन अखबार ने बलूचिस्तान के गृहमंत्री आगा उमर बंगुलजाई के हवाले से बताया कि दक्षिण-पश्चिम पाकिस्तान में बलूचिस्तान के मुस्तांग जिले में शुक्रवार को दोपहर बाद एक चुनावी रैली में हुए आत्मघाती विस्फोट में बलूचिस्तान आवामी पार्टी (बीएपी) के उम्मीदवार नवाबजादा सिराज रायसानी सहित 128 लोगों की मौत हो गयी और 200 से अधिक घायल हो गये। मुस्तांग में हुआ विस्फोट वर्ष 2014 में पेशावर के सैनिक पब्लिक स्कूल में हुए नरसंहार के बाद का सबसे घातक हमला है। मुस्तांग का हमला देश में आगामी 25 जुलाई को होने वाले आम चुनाव से पूर्व राजनीतिक तौर पर सक्रिय व्यक्ति को निशाना बनाकर किया गया था।
आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने अपनी समाचार एजेंसी‘अमाक’के जरिये इस हमले की जिम्मेदारी ली है। इसके अलावा बन्नू शहर में शुक्रवार को खैबर पतूनवा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं जमियत उलेमा-इस्लाम(एफ) के नेता अकरम खान दुर्रानी के काफिले पर हुए हमले में कम से कम चार लोगों की मौत हो गयी तथा 32 अन्य घायल हो गए। हालांकि चुनावी सभा से लौट रहे जमियत उलेमा-इस्लाम(एफ) के नेता श्री दुर्रानी इस हमले के बाद पूरी तरह से सुरक्षित हैं।