Edited By Isha,Updated: 29 Jul, 2018 01:56 PM
पाकिस्तान आम चुनाव में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी क्रिकेटर से राजनीति में कदम रखने वाले इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए- इंसाफ(पीटीआई) पार्टी ने सरकार बनाने के जादुई
इस्लामाबादः पाकिस्तान आम चुनाव में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी क्रिकेटर से राजनीति में कदम रखने वाले इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए- इंसाफ(पीटीआई) पार्टी ने सरकार बनाने के जादुई आंकड़ा 137 जुटाने की कोशिशें तेज कर दी है। निदर्लीय और आवामी मुस्लिम लीग समेत कम से कम चार छोटे दल पीटीआई के साथ हाथ मिलाते हैं तो खान शीघ्र की पाकिस्तान के नये वजीर-ए- आलम बन जायेंगे। पीटीआई ने जादुई आंकड़ जुटाने की कीशिशे तेज कर दी है।
शनिवार को चुनाव आयोग द्वारा जारी नतीजों में पीटीआई को 115 सीटें मिली हैं और इसे सरकार बनाने के लिए 12 और सीटों की दरकार है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग -नवाज को 64 और बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) को 43 सीटें मिली हैं। कानून के तहत पांच सीटों से चुनाव लडऩे वाले खान को चार सीटें छोडऩी पड़ेगी। इसी तरह पीटीआई के कुल 109 सीटें बच जायेंगी। तक्षशिला के गुलाम एक खान ने भी दो सीटों पर सफलता पायी है। उन्होंने पूर्व गृहमंत्री चौधरी निसार अली खान को मात दी है। उन्हें भी एक सीट छोडऩी पड़ेगी।
पूर्व मुख्यमंत्री परवेज खटक ने भी दोंनों नेशनल एसेंबली और प्रांतीय दोनों सीटों पर चुनाव जीता है। पीटीआई अगर उन्हें दोबारा मुखयमंत्री बनाना चाहेगी तो एक और सीट पीटीआई की झोली से चली जाएगी। इसी तरह पीटीआई के कुल 109 सीटें बच जायेंगी। नवगठित बलूचिस्तान आवामी पार्टी और पीएमएल-क्यू ने चार-चार सीटों पर जीत हासिल की है। ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलाएंस ने दो सीट हासिल की है जबकि बलूचिस्तान नेशनल पार्टी की झोली में तीन सीटें गयी हैं और आवामी नेशनल पार्टी ने एक सीट पर सफलता हासिल की है। आवामी मुस्लिम लीग (एएमएल),पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसानियत और जम्हूरी वतन पार्टी को भी एक-एक सीट मिली है। आम चुनाव में 12 निदर्लीय उम्मीदवारों ने भी जीत हासिल की है और सरकार के गठन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। पाकिस्तान की कम से कम 12 विपक्षी दलों ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए दोबारा चुनाव कराये जाने की मांग की है और ऐसा नहीं होने पर व्यापक आंदोलन छेडऩे की चेतावनी दी है।
इस बीच यूरोपीय संघ और अमेरिका ने भी आरोप लगाया है कि चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र नहीं हुआ है। अमरीका ने चुनाव की निष्पक्षता पर संदेह जताते हुए आरोप लगाया है कि इन चुनावों में पीटीआई को सेना का समर्थन मिला जबकि पीएमएल - एन और पीपीपी ने बंदिशों में अपना प्रचार किया। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने चुनाव को स्वतंत्र और निष्पक्ष घोषित करने से इंकार कर दिया है। पाकिस्तान के राजदूत रहे हुसैन हक्कानी ने कहा कि चुनाव के नतीजे पहले से ही तय थे। यूरोपीय संघ और अमेरिका का साथ मिलने के बाद विपक्षी दलों ने खुलकर चुनाव परिणामों का बहिष्कार करते हुए दोबारा चुनाव कराये जाने की मांग की है।