Edited By Tanuja,Updated: 10 Jan, 2021 10:14 AM
पाकिस्तान में 11 कोयला खनिकों की मौत के खिलाफ पिछले 6 दिनों से इंसाफ की मांग कर रहे अल्पसंख्यक शिया हजारा समुदाय ने प्रधानमंत्री इमरान की ...
पेशावरः पाकिस्तान में 11 कोयला खनिकों की मौत के खिलाफ पिछले 6 दिनों से इंसाफ की मांग कर रहे अल्पसंख्यक शिया हजारा समुदाय ने प्रधानमंत्री इमरान की धमकियों के बाद अपना प्रदर्शन खत्म कर दिया है। उन्होंने न केवल इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों के हमले में मारे गए 11 कोयला खनिकों के शवों को दफना दिया बल्कि, क्वेटा के वेस्टर्न बाइपास इलाके को भी खाली कर दिया है। जानकारी के अनुसार बलूचिस्तान प्रांत के माच इलाके में पिछले शनिवार को शिया हाजरा समुदाय के खनिकों को अगवा करने के बाद हत्या कर दी गई थी।
अपने परिजनों की हत्या से बौखलाए हजारा समुदाय के हजारों लोग क्वेटा के वेस्टर्न बाइपास इलाके में भयंकर ठंड में शवों के ताबूत के साथ धरने पर बैठ गए थे। की परिजनों की मांग थी कि जबतक प्रधानमंत्री इमरान खान रक्षा का आश्वासन देने के लिए व्यक्तिगत रूप से उनके पास नहीं आते तबतक वे शवों को नहीं दफनाएंगे।
इसके बाद इन लोगों की मांग को अनसुना करते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रदर्शनकारियों को ब्लैकमेलर्स करार दे दिया था। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि मैंने अपना संदेश प्रदर्शनकारियों तक पहुंचा दिया है कि उनकी सभी मांगे मानी जा रही हैं।
इसके बाद मेरे आने तक मृतकों को दफनाने की जिद क्यों की जा रही है। किसी भी मुल्क के प्रधानमंत्री को इस तरह से ब्लैकमेल नहीं किया जा सकता है। ऐसे तो हर कोई ब्लैकमेल करना शुरू कर देगा। जिसके बाद से इमरान खान के इस बयान पर विवाद खड़ा हो गया था। इमरान खान के बयान पर न केवल विपक्ष बल्कि आम लोगों और मीडिया में तीखी प्रतिक्रिया देखी गईं। इन परिवारों को अंतिम संस्कार के लिए मनाने के लिए पाकिस्तान की सरकार ने भी एड़ी-चोटी के जोर लगा दिए।
पाकिस्तानी अधिकारियों ने दावा किया कि जब बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री जाम कमाल खान दूसरी बार प्रदर्शनकारियों से मिलने गये और उन्होंने उनकी मांग मान ली एवं और उनसे कहा कि प्रधानमंत्री ने शीघ्र ही उनसे मिलने की योजना बनायी है तब गतिरोध समाप्त हुआ। शुहादा एक्शन कमिटी और मजलिस वाहदात-ए-मुस्लिमीन ने धरना खत्म करने की घोषणा की। समझौते के अनुसार सरकार माच घटना में लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध कार्रवाई करेगी। बलूचिस्तान सरकार मारे गए व्यक्ति के परिवारों को 15-15 लाख रुपए का मुआवजा एवं परिवार के एक सदस्य को नौकरी देगी।