Edited By Tanuja,Updated: 27 Jun, 2019 10:58 AM
पाकिस्तानी संसद में ''सिलेक्टेड प्राइम मिनिस्टर'' फ्रेज को लेकर बवाल मचा हुआ है । पाकिस्तान की नैशनल एसेंबली में बहस...
इस्लामाबादः पाकिस्तानी संसद में 'सिलेक्टेड प्राइम मिनिस्टर' फ्रेज को लेकर बवाल मचा हुआ है । पाकिस्तान की नैशनल एसेंबली में बहस के दौरान करीब एक साल तक इमरान खान के लिए 'सिलेक्टड' शब्द का इस्तेमाल जारी रहने के बाद अब नैशनल एसेंबली के डिप्युटी स्पीकर कासिम खान सूरी ने इस पर आपत्ति जताते कहा कि यह पाकिस्तान के पीएम इमरान खान का अपमान है और उन्होंने सासंदों के 'सिलेक्टेड' शब्द बोलने पर बैन लगा दिया।
बता दें कि विपक्षी दल ए 'सिलेक्टड' शब्द का इस्तेमाल इमरान खान को संबोधित करने के लिए कर रहे थे। संदेश साफ था- पिछले साल इमरान खान की जीत में देश की ताकतवर सेना का हाथ बताया गया था। संसद में कासिम खान सूरी ने चेतावनी भरे अंदाज में कहा, "यह निर्वाचित प्रतिनिधियों का सदन है अब से कोई भी इस शब्द का इस्तेमाल नहीं करेगा। " डिप्युटी स्पीकर का यह आदेश ऊर्जा मंत्री उमर अयूब खान के ऐतराज के बाद आया।मंत्री ने कहा कि सदन के नेता को सिलेक्टेड कहना पूरे सदन का अपमान है।
उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया से निर्वाचित हुए प्रधानमंत्री के लिए चयनित शब्द का इस्तेमाल करना पूरी व्यवस्था का अपमान । विपक्षी सांसद मरियम औरंगजेब को जब सोमवार को सिलेक्डेड शब्द के इस्तेमाल करने से रोका गया तो उन्होंने एक नया शब्द चुन लिया और इमरान खान को 'हैंडपिक्ड' करार दिया। पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने सोमवार को कहा, आपने प्रधानमंत्री के अहं की वजह से इस शब्द के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया।यह कैसी आजादी है कि नैशनल एसेंबली के सदस्य सदन पर अपनी बात भी नहीं कह सकते हैं।
गौरतलब है कि बिलावल भुट्टो जरदारी ने ही सबसे पहले प्रधानमंत्री इमरान खान को चुनाव के बाद एसेंबली में बधाई देते वक्त 'सिलेक्टेड प्राइम मिनिस्टर' कहकर बुलाया था। शुरुआत में इमरान खान की पार्टी की तरफ से इसे बहुत गंभीरता से नहीं लिया गया। यह परंपरा संसद में और कई प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी जारी रही लेकिन रविवार को सांसदों को इमरान खान को सिलेक्टेड यानी चयनित बुलाए जाने से रोक दिया गया। कहा जाता है कि इमरान खान ने चुनाव में इसलिए जीत दर्ज कर पाए क्योंकि वह ताकतवर पाकिस्तानी सेना के पसंदीदा उम्मीदवार थे।
विपक्षी दल ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव में इमरान खान को जिताने के लिए धांधली हुई। नवाज शरीफ की पार्टी के कई नेताओं ने यह भी आरोप लगाया था कि उन पर इमरान खान की पार्टी में शामिल होने के लिए दबाव बनाया गया। पाकिस्तान की तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान ने पिछले साल 2018 में 272 सीटों में से 123 पर जीत दर्ज करते हुए चुनाव जीता था। पीएम इमरान खान ने चुनाव जीतने के बाद आर्मी द्वारा चुने गए आरोप पर कहा था, मैं किसी तानाशाह के कंधों पर नहीं चढ़ा, मैं 22 सालों तक संघर्ष करने के बाद यहां पहुंचा हूं।