Edited By prachi upadhyay,Updated: 20 Sep, 2019 05:53 PM
पाकिस्तानी सेना द्वारा महिलाओं पर की जा रही क्रूरता और हैवानियत का खुलासा करनेवाली पाकिस्तान की महिला एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता गुलालई इस्माइल भागकर अमेरिका पहुंच गई हैं। यहां उन्होने राजनीतिक शरण मांगी है।
न्यूयॉर्क: पाकिस्तानी सेना द्वारा महिलाओं पर की जा रही क्रूरता और हैवानियत का खुलासा करनेवाली पाकिस्तान की महिला एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता गुलालई इस्माइल भागकर अमेरिका पहुंच गई हैं। यहां उन्होने राजनीतिक शरण मांगी है। न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुतताबिक, 32 वर्षीय गुलालई इस्माइल कथित राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए देशद्रोह के आरोप का सामना कर रहीं है। जिसके बाद वो पिछले महीने ही भागकर अमेरिका पहुंची। जहां वो इस वक्त ब्रुकलिन में अपनी बहन के पास रह रही हैं।
पाक सेना की महिलाओं पर क्रूरता की खोली थी पोल
पाकिस्तान की जानी मानी महिला एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता गुलालई इस्माइल ने गैर-पंजाबियों के साथ पाकिस्तानी फौज की बेहरमी का पर्दाफाश किया था। उन्होने पाक सेना द्वारा गैर पंजाबी महिलाओं-लड़कियों के रेप, उत्पीड़न और अपहरण की सच्ची कहानियां को सोशल मीडिया पर जारी कर दिया था। जिससे नाराज होकर पाकिस्तान सरकार ने उसे जेल में भी डाल दिया था। जिसके बाद वो किसी तरह जेल बाहर आयी तो उसका नाम एक्जिट कंट्रोल लिस्ट में डाल दिया गया। जिससे वो पाक के बाहर जाकर उसकी सेना की क्रूरता को बेनकाब ना कर सके।
ECL में नाम आने के बाद हुई भूमिगत
एक्जिट लिस्ट में अपना नाम आ जाने के बाद गुलालई इस्माइल भूमिगत हो गई। उन्होने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि, पिछले साल नवंबर में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (IHC) को सूचना दी गई थी कि ISI ने विदेश में कथित देश विरोधी गतिविधियों के कारण गुलालई का नाम ECL में डालने की सिफारिश की है। इसके बाद गुलालई ने याचिका दायर कर उनका नाम ECL में डालने के सरकार के फैसले को चुनौती दी थी। जिस पर IHC ने उनका नाम हटाने का आदेश दिया। हालांकि, अदालत ने ISI की सिफारिश के आधार पर गृह मंत्रालय को गुलालई का पासपोर्ट जब्त करने सहित उचित कदम उठाने की अनुमति दे दी थी।
‘मैंने किसी हवाईअड्डे से नहीं भरी उड़ान’
इस साल मई के महीने से ही फरार गुलालई ने रिपोर्ट को लेकर दिए अपने इंटरव्यू में बताया कि वह कैसे पाकिस्तान से भागने में कामयाब हुईं। हालांकि उन्होने यह नहीं बताया कि वह कैसे पाकिस्तान से भागने में कामयाब हुईं। उन्होने कहा कि, ‘मैंने किसी हवाईअड्डे से उड़ान नहीं भरी, लेकिन मैं इससे ज्यादा आपको कुछ नहीं बता सकती। देश से भागने की कहानी बताने पर कई लोगों की जान खतरे में पड़ जाएगी।’ इसके साथ ही गुलालई को इस्लामाबाद में रह रहे अपने माता-पिता की चिंता हैं जो आतंकवादियों की फाइनेंस करने के आरोपों का सामना कर रहे हैं और कड़ी निगरानी में हैं।
अमेरिका में मांगी राजनीतिक शरण
इस पाक मानवधिकार कार्यकर्ता ने अमेरिका में राजनीतिक शरण मांगी है। उन्होने समर्थन के लिए अमेरिका में कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और कांग्रेस नेताओं के स्टाफ से मुलाकात की है। वहीं डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य और सीनेटर चार्ल्स शूमर ने कहा कि वह गुलालई को शरण दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। यह स्पष्ट है कि अगर वह पाकिस्तान लौटती हैं तो उनकी जिंदगी को खतरा है। उल्लेखनीय है कि दुनिया के हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए उन्होंने ‘वॉयस फॉर पीस एंड डेमोक्रेसी' समूह का गठन किया है।