Edited By ,Updated: 21 Apr, 2016 11:26 AM
अपने खुलासे से दुनियाभर में तहलका मचाने वाले पनामा पेपर्स लीक मामले में अमरीकी न्याय विभाग ने आपराधिक जांच शुरु कर दी...
वाशिंगटन : अपने खुलासे से दुनियाभर में तहलका मचाने वाले पनामा पेपर्स लीक मामले में अमरीकी न्याय विभाग ने आपराधिक जांच शुरु कर दी है । मैनहट्टन अमरीका के अटार्नी प्रीत भरारा के कार्यालय से जारी एक पत्र की प्रति से यह जानकारी मिली । इस पत्र में अंतरराष्ट्रीय खोजी पत्रकार संघ (आईसीआईजे) के साथ जांच के बारे में विचार-विमर्श करने को कहा गया है ।
रिकॉर्ड सार्वजनिक करने वाले समूह को भेजे गए एक आधिकारिक पत्र में भी यह बात सामने आई है । आईसीआईजे से प्राप्त पत्र में कहा गया है कि अटार्नी के कार्यालय ने पनामा पेपर्स लीक मामले की आपराधिक जांच शुरू कर दी है । उनके कार्यालय ने कहा कि उन्हें मामले पर आईसीआईजे की तरफ से किसी से यथासंभव जल्दी बातचीत करने का अवसर पाने पर खुशी होगी । दुनिया में सबसे ज्यादा गोपनीय ढंग से काम करने वाली कंपनियों में से एक पनामा की मोसाक फोंसेका के एक करोड़ 10 लाख गोपनीय दस्तावेज लीक हुए हैं ।
इन दस्तावेजों में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के करीबियों से लेकर मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक समेत दुनिया के कई बड़े नेताओं के नाम हैं । इनमें करीब 500 भारतीयों के भी नाम हैं । इन पर आरोप है कि इन्होंने टैक्स हैवन देशों में अकूत संपत्ति जमा की ।