श्रीलंकाई संसद में फिर गतिरोध, सियासी संकट के बीच सोमवार तक स्थगित

Edited By shukdev,Updated: 16 Nov, 2018 05:23 PM

parliament adjourned till noon between parliamentary crisis

श्रीलंकाई संसद में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन भी हंगामेदार स्थिति देखने को मिली। विवादित प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के समर्थकों ने अध्यक्ष कारू जयसूर्या की कुर्सी पर कब्जा जमा लिया और नारेबाजी की, जिसके बाद जयसूर्या ने सदन के अंदर पुलिस बुला ली...

कोलंबो: श्रीलंकाई संसद में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन भी हंगामेदार स्थिति देखने को मिली। विवादित प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के समर्थकों ने अध्यक्ष कारू जयसूर्या की कुर्सी पर कब्जा जमा लिया और नारेबाजी की, जिसके बाद जयसूर्या ने सदन के अंदर पुलिस बुला ली और सदन की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित कर दी। यह हंगामा अध्यक्ष द्वारा राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के बाद कोई प्रधानमंत्री या सरकार नहीं होने की घोषणा के एक दिन बाद हुआ। शुक्रवार की कार्यवाही विश्वास मत की प्रक्रिया को दोहराने के लिए थी जिसे गुरुवार को बाधित कर दिया गया था। 

PunjabKesariपिछले महीने एक विवादित कदम के तहत राजपक्षे को प्रधानमंत्री बनाने वाले राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना हटाए गए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के गठबंधन के नेताओं के साथ बातचीत में गुरुवार रात सदन में शक्ति परीक्षण पर सहमत हो गए थे। अधिकारियों ने कहा कि राजपक्षे का समर्थन कर रहे सांसद अध्यक्ष के आसन पर बैठ गए, जिससे कार्यवाही में देर हुई। उन्होंने जयसूर्या के खिलाफ नारेबाजी भी की। करीब 45 मिनट तक गतिरोध बरकरार रहने के बाद अध्यक्ष ने पुलिस को संसद के अंदर बुला लिया। इस बीच सांसद अरूंदिका फर्नांडो ने अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा जमा लिया और बाकी सांसदों ने उसे घेर लिया। 

PunjabKesariएक वरिष्ठ राजनेता जैमिनी जयविक्रमा परेरा इस दौरान हुई धक्का मुक्की में घायल हो गए। हंगामा कर रहे यूनाइटेड पीपुल्स फ्रीडम अलायंस (यूपीएफए) सदस्यों ने विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के दो सांसदों की गिरफ्तारी की मांग की। उनका आरोप था कि गुरुवार को हुए बवाल के दौरान सांसद पलिथा थेवाराप्पेरूमा और रंजन रामनायके चाकू लेकर आए थे। सदन में हुए हंगामे के दौरान यूपीएफए सांसद दिलम अमुनुगमा घायल हो गए थे। पुलिस ने शुक्रवार को जयसूर्या का हंगामा कर रहे सांसदों से बचाव किया। 

PunjabKesariजयसूर्या ने ध्वनिमत के आधार पर राजपक्षे के खिलाफ प्रस्ताव नाकाम रहा क्योंकि हंगामे की वजह से भौतिक रूप से मतदान नहीं हो सका। हंगामा कर रहे सांसदों ने पुलिस पर किताबें फेंकीं। जयसूर्या ने तत्काल बाद सदन की कार्यवाही को 19 नवंबर तक स्थगित कर दिया और पुलिस की घेराबंदी में वहां से निकल गए। राष्ट्रपति सिरिसेना ने कहा कि वह किसी भी परिस्थिति में सदन का सत्रावसान नहीं करेंगे। राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, ‘मैं सभी सांसदों से अनुरोध करता हूं कि वे लोकतांत्रित संसदीय परंपराओं के सिद्धांतों को हर समय बरकरार रखें। मैं किसी भी परिस्थिति में संसद का सत्रावसान नहीं करूंगा।’

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