Edited By Isha,Updated: 19 Sep, 2018 12:07 PM
पाकिस्तान सरकार और विपक्ष मंगलवार को इस बात पर सहमत हो गए कि 25 जुलाई को हुए आम चुनावों में मतों से कथित छेड़छाड़ की गतिविधियों की जांच संसदीय समिति
इस्लामाबादः पाकिस्तान सरकार और विपक्ष मंगलवार को इस बात पर सहमत हो गए कि 25 जुलाई को हुए आम चुनावों में मतों से कथित छेड़छाड़ की गतिविधियों की जांच संसदीय समिति से कराई जाए। इन चुनावों में इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी थी। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन), पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) जैसे प्रमुख राजनीतिक दलों ने आरोप लगाया था कि विभिन्न मतदान केंद्रों पर डाले गए मतों को पोङ्क्षलग एजेंटों को बाहर निकाले जाने के बाद बदला गया था। पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने इन दावों को खारिज किया है।
एक्सप्रेस न्यूज की खबर के मुताबिक नेशनल असेंबली या निचले सदन ने मंगलवार को संसदीय समिति के गठन को मंजूरी दे दी जो 25 जुलाई को हुए आम चुनावों में कथित तौर पर हुई गड़बडिय़ों की जांच करेगा। कहा जाता है कि खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को सेना का मूक समर्थन हासिल था और उसने 25 जुलाई को हुए चुनावों में सबसे ज्यादा 116 सीटें हासिल की थी। 342 सदस्यों वाली राष्ट्रीय असेंबली में नौ निर्दलीय सदस्यों के समर्थन के बाद पार्टी सांसदों की संख्या 125 हो गई और महिलाओं के लिये आरक्षित 60 सीटों में से 28 सीटें और अल्पसंख्यकों के लिये आरक्षित 10 सीटों में से पांच सीटें आवंटित किये जाने के बाद पार्टी सांसदों की कुल संख्या 158 तक पहुंच गई।
बजट संशोधनों को मंजूरी के लिये बुलाए गए राष्ट्रीय असेंबली के सत्र में विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने प्रस्ताव पेश किया और इसे सर्वसम्मत से पारित कर दिया गया। उन्होंने आश्वासन दिया सरकार और विपक्ष का इस समिति में बराबर का प्रतिनिधित्व होगा। कुरैशी ने कहा कि प्रधानमंत्री खान से परामर्श के बाद सरकार समिति के अध्यक्ष का ऐलान करेगी। उन्होंने कहा समिति में केवल नेशनल असेंबली के सदस्य होंगे। उच्च सदन के सदस्य (सीनेटर) को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। अगस्त में राजनीतिक दलों ने इस्लामाबाद में पाकिस्तान चुनाव आयोग के समक्ष और देश के अन्य हिस्सों में प्रदर्शन किया था।