Edited By Tanuja,Updated: 17 Jun, 2018 11:43 AM
कोलोराडो-बोल्डर विश्वविद्यालय के निदेशक व प्रमुख लेखक सेलिन वेटर ने सुबह जल्दी उठने और डिप्रेशन यानि अवसाद को लेकर एक गहरा रिश्ता बताया है। उन्होंने दावा किया है कि सुबह जल्दी उठने से डिप्रेशन की संभावना काफी कम हो जाती है...
सिडनीः कोलोराडो-बोल्डर विश्वविद्यालय के निदेशक व प्रमुख लेखक सेलिन वेटर ने सुबह जल्दी उठने और डिप्रेशन यानि अवसाद को लेकर एक गहरा रिश्ता बताया है। उन्होंने दावा किया है कि सुबह जल्दी उठने से डिप्रेशन की संभावना काफी कम हो जाती है। उनका कहना है कि सुबह जल्दी उठना फायदेमंद होता है और आप जल्दी उठकर इसका असर देख सकते हैं। शोध से पता चलता है कि इसके विपरीत जो देर रात सोते हैं, उनमें अवसाद की संभावना दोगुनी होती है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि ऐसा इसलिए है कि देर से सोने वालों की शादी की कम संभावना होती है और उनके अकेले जीवन जीने की संभावना होती है। इससे धूम्रपान करने व अनियमित नींद का पैटर्न विकसित होता है। नींद की कमी, व्यायाम, बाहर कम समय बिताना, रात के समय चमकीली रोशनी व दिन के उजाले में कम समय बिताना, ये सभी अवसाद में योगदान दे सकते हैं।
इस शोध का प्रकाशन 'साइकेट्रिक रिसर्च' नामक पत्रिका में किया गया है। इस शोध के लिए दल ने क्रोनोटाइप (रात में जागने वालों) के बीच संबंध का पता लगाने के लिए 32,000 महिला नर्सो के आंकड़ों का विश्लेषण किया। इसमें 24 घंटे के दौरान विशेष समय में व्यक्ति की नींद की प्रवृत्ति, सोने-जागने की पसंद व मनोविकार शामिल रहे।