Edited By ,Updated: 04 Nov, 2016 10:22 PM
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि भारत शांति एवं स्थिरता की नेपाल की कोशिश का समर्थन ...
जनकपुर: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि भारत शांति एवं स्थिरता की नेपाल की कोशिश का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने अपनी यात्रा को ‘दोस्ती का मिशन’ बताया, जो अनोखे द्विपक्षीय संबंध को और मजबूत करने से जुड़ी वरीयता को जाहिर करता है।
मुखर्जी ने अपनी तीन दिवसीय राजकीय यात्रा की समाप्ति के बाद कहा कि दो संप्रभु राष्ट्र होने के नाते हम अपने संबंधों को विश्वास, सदभावना और परस्पर फायदे के आधार पर आगे बढ़ाने की इच्छा जाहिर करते हैं। मैंने एक संघीय लोकतांत्रिक राजनीति के दायरे में शांति, स्थिरता और विकास हासिल करने में नेपाल के लोगों को भारत के लोगों और सरकार की आेर से शुभकामनाओं से अवगत कराया है।
उन्होंने कहा,‘‘हमारा भविष्य एक दूसरे से जुड़ा हुआ है और साझा समृद्धि को बढ़ाने की जरूरत को दोनों देशों ने मान्यता दी है।’’ पिछले 18 बरस में नेपाल की यात्रा करने वाले मुखर्जी भारत के प्रथम राष्ट्रपति हैं। उन्होंने इस यात्रा को सफल बताते हुए कहा नेपाल के लोगों और सरकार ने उनके लिए जो गर्मजोशी और लगाव दिखाया वह सचमुच में अभिभूत करने वाला है। यह दोस्ती के एेतिहासिक जुड़ाव और दोनों देशों के बीच बहुआयामी जन केंद्रित संबंधों को जाहिर करता है। उन्होंने कहा कि भारत शांति, स्थिरता और विकास की कोशिश में नेपाल का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है। दोनों देश इस बात पर सहमत हैं कि अब जारी द्विपक्षीय विकास एवं संपर्क परियोजनाओं तथा भूकंप बाद के पुनर्निर्माण के लिए परियोजनाओं को लागू करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
अपनी यात्रा के दौरान मुखर्जी ने अपनी नेपाली समकक्ष विद्या देवी भंडारी, उपराष्ट्रपति नंद बहादुर पुन, प्रधानमंत्री प्रचंड और देश के समूचे राजनीतिक नेतृत्व तथा सिविल सोसाइटी के सदस्यों के साथ सार्थक बैठकें की। उन्होंने कहा,‘‘मैंने इस बात से अवगत कराया है कि भारत नेपाल की जनता और सरकार के लिए वरीयता के सभी क्षेत्रों में अपनी साझेदारी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।’’ बयान के मुताबिक मुखर्जी ने राष्ट्रपति भंडारी को भारत आने का न्योता दिया। उन्होंने खुशी खुशी यह न्योता स्वीकार कर लिया।