Edited By Tanuja,Updated: 08 Nov, 2018 05:05 PM
भारत में लोग सोने को बेहद कीमती धातु के तौर पहचानते हैं और इसके आभूषणें के दिवाने हैं वहीं भारत के पड़ोसी व रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर विवादित देश में लोग शराब में सोना घोलकर पीते हैं...
इंटरनेशनल डैस्कः भारत में लोग सोने को बेहद कीमती धातु के तौर पहचानते हैं और इसके आभूषणें के दिवाने हैं वहीं भारत के पड़ोसी व रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर विवादित देश में लोग शराब में सोना घोलकर पीते हैं। भारत का ये पड़ोसी देश म्यांमार, जिसे कभी बर्मा के नाम से भी जाना जाता था एकमात्र ऐसा देश है जहां 700 से ज्यादा स्वर्ण मंदिर हैं। भगवान बौद्ध की इस नगरी में लोगों को सोना अति प्रिय है।
सिथु हतुन नाम के गाइड ने बताया कि विशेष त्योहार या खास मौकों पर लोग चावल और सब्ज़ियों में भी सोने के टुकड़े डालते हैं। युवतियां चेहरे को चमकाने के लिए के लिए अपने फेस मास्क में सोने का इस्तेमाल करती हैं। ऐसे वो इसलिए करती हैं क्योंकि ये माना जाता है कि सोना त्वचा के अंदर जाता है तो उससे मुस्कान बेहतर होती है। यहां, मांडले शहर के पास ही सोने की कई खदाने हैं।मांडले के साथ-साथ इरावदी और चिंदविन नदियों की तलछट में भी खूब सोना मिलता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इरावदी नदी के पास बगान नाम शहर है. जहां शहर के इर्द-गिर्द तो 2200 से ज़्यादा मंदिरों और पगोडा के खंडहर बिखरे हुए हैं।
11वीं से 13वीं सदी के बीच पगान साम्राज्य के दौर में यहां दस हज़ार से ज़्यादा मंदिर हुआ करते थेय़इसी दौर में बौद्ध धर्म का विस्तार पूरे म्यांमार में हो रहा था। मांडले के एक पेशेवर गाइड ने बताया कि बर्मा की संस्कृति में सोने की बहुत अहमियत है। यहां अभी भी परंपरागत तरीक़े से ही सोने को तरह-तरह के रंग-रूप में ढाला जाता है। इस बात का खास, खयाल रखा जाता है कि सोना पूरी तरह से शुद्ध है यानि शुद्ध 24 कैरेट का। बांस की पत्तियों के बीच में सोने को रखकर सौ से दो सौ परतें तैयार की जाती हैं। फिर, इन्हें अढाई किलो के हथौड़ों से करीब 6 घंटे तक पीटा जाता है। ताकि ये सही आकार ले सकें। फिर इन्हें पतले-छोटे एक-एक इंच के टुकड़ों में काटा जाता है। सोने की ये पत्तियां मंदिरों में चढ़ाई जाती हैं। सोने का इस्तेमाल परंपरागत दवाओं में भी होता है।
बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि म्यांमार में सोने को बहुत पवित्र माना जाता है. यहां की 90 फ़ीसद आबादी बौद्ध है। बौद्ध धर्म में सोने को बहुत अहमियत दी जाती है।क्योंकि सोने को सूरज का प्रतीक माना जाता है और सूरज ज्ञान और बुद्धि की नुमाइंदगी करता है। लोगों की प्रेम इस कदर हा कि यहां के रहने वाले लोग शराब में भी सोने को डालते हैं। इस शराब को लोग व्हाइट व्हिस्की के नाम से जानते हैं।