यहां जानबूझकर जहरीली हवा में सांस लेने आते हैं दुनिया भर के लोग, हैरान कर देगी वजह

Edited By Tanuja,Updated: 29 Jan, 2019 11:41 AM

people travelling across the us to deliberately breathe radioactive air

अमेरिका और दुनियाभर के लोग हर साल एक अजीबो गरीब खतरनाक वैकल्पिक उपचार के लिए मोंटाना में बोल्डर-बेसिन जाते हैं। यहां वे ''रेडॉन हेल्थ माइंस’की सुरंगों में जहरीली हवा लेने आते हैं...

वॉशिंगटनः अमेरिका और दुनियाभर के लोग हर साल एक अजीबो गरीब खतरनाक वैकल्पिक उपचार के लिए मोंटाना में बोल्डर-बेसिन जाते हैं। यहां वे 'रेडॉन हेल्थ माइंस’की सुरंगों में जहरीली हवा लेने आते हैं।  इस उफचार के बारे में जानकर अक्सर लोग हैरान रह जाते हैं। जानकारी के अनुसार यह सोने और यूरेनियम की बंद कर दी गई खदानें हैं मगर इसकी हवाओं में रेडियोएक्टिव तत्व रेडॉन के कण मौजूद हैं। हवा में मौजूद इन कणों को सांस के जरिए लेकर और यहां तक ​​कि रेडॉन का पानी पीकर लोग अपनी बीमारियों का वैकल्पिक इलाज करने आते हैं।

लोगों का मानना है कि इससे गठिया, पीठ दर्द और फाइब्रोमायल्जिया सहित कई पुरानी बीमारियों का इलाज हो जाता है। मगर, रेडियोधर्मी रासायनिक तत्व के बारे में यूनाइटेड स्टेट्स एनवायर्नमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी (EPA) ने चेतावनी दी कि रेडॉन की अधिक मात्रा से फेफड़ों के कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। कैंसर काउंसिल में ऑकुपेशनल एंड एन्वायरमेंटल कैंसर कमेटी और सिडनी यूनिवर्सिटी के महामारी विशेषज्ञ टिम ड्रिस्कॉल के अनुसार, रेडॉन के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। उन्होंने बताया कि रेडॉन टूटने के बाद अल्फा कण फेफड़ों की कोशिकाओं के डीएनए को सीधे तौर पर नुकसान पहुंचाते हैं।

यह कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं। टिम बताते हैं कि सामान्य स्थितियों में कभी-कभार चिकित्सकीय कार्यों में रेडिएशन के संपर्क में आने की जरूरत होती है। हर बार जब किसी व्यक्ति का एक्स-रे किया जाता है, तो उसे एक्स-रे के रेडिएशन की छोटी मात्रा दी जाती है। कैंसर के लिए रेडियोथेरेपी करवाने में भी उचित मात्रा की नियंत्रित तरीके से दी जाती है। मगर, ये विशेष रूप से निगरानी की जाने वाली परिस्थितियों में ही दी जाती हैं, जिनका डोज, उद्देश्य और उपचार की अवधि के मामले में कई सावधानियां बरती जाती हैं। ईपीए की 2003 की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि लगभग 20,000 अमेरिकी हर साल रेडॉन से संबंधित फेफड़ों के कैंसर से मर जाते हैं।

वे लोग अपने घरों और बेसमेंट में रेडॉन संबंधित बिल्ड-अप किया था। टिम के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया और दुनिया के अन्य हिस्सों में ऐसे कम ही मामले सामने आते हैं। रिपोर्ट में ईपीए, डब्ल्यूएचओ और सीडीसी ने लोगों से यह आग्रह किया है कि अमेरिकी अपने घरों की जांच करें और देखें कि उनके घरों में रेडॉन की कितनी मात्रा मौजूद है। प्रति लीटर 4 पिकोक्यूरीज से अधिक रेडॉन की मात्रा खतरनाक साबित हो सकती है।

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