मुशर्रफ ने बेनजीर को किया था धमकी भरा कॉल !

Edited By ,Updated: 07 May, 2016 04:07 PM

pervez musharraf alleged threat call to benazir bhutto could not be traced jit

पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की मौत की जांच करने वाले संयुक्त जांच दल (जे.आई.टी) का कहना है कि वह वर्ष 2007 में बेनजीर को पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ...

इस्लामाबाद : पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की मौत की जांच करने वाले संयुक्त जांच दल (जे.आई.टी) का कहना है कि वह वर्ष 2007 में बेनजीर को पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ की कथित धमकी भरी कॉल का पता नहीं लगा सका। आतंकवाद निरोधक अदालत, रावलपिंडी में मुशर्रफ के वकील बैरिस्टर फरोग नासिम द्वारा जिरह के दौरान जे.आई.टी प्रमुख मोहम्मद खालिद कुरैशी ने स्वीकार किया कि उनका दल बेनजीर के दो मोबाइल फोन से या मुशर्रफ के मोबाइल से कॉल का पता नहीं लगा सका । 


हांलाकि उन्होंने कहा कि संभावना है कि तत्कालीन राष्ट्रपति मुशर्रफ ने अपने किसी सरकारी फोन से यह कॉल किया हो । ‘डान न्यूज’ ने खबर दी कि संघीय जांच एजैंसी (एफ.आई.ए) के पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक कुरैशी इस बहुचर्चित हत्याकांड में अभियोजन के अंतिम गवाह थे । अभियोजन का मामला उस धमकी भरे कॉल पर आधारित है जो मुशर्रफ ने बेनजीर को उस समय कथित रूप से किया था जब वह अमरीकी सांसद टॉम लंटस के कार्यालय में थीं । 


अभियोजन के अनुसार, अमरीकी लॉबिस्ट मार्क सीगल ने दावा किया कि 25 सितंबर 2007 को वाशिंगटन में सांसद लंटस के कार्यालय में उनकी मौजूदगी में बेनजीर के पास एक टैलीफोन कॉल आया, जिसे उन्होंने बाद में मुशर्रफ की तरफ से ‘‘बहुत बुरा कॉल’’ करार दिया । बयान में कहा गया कि पूर्व सैन्य शासक ने बेनजीर को चेतावनी दी थी ‘‘उनकी सुरक्षा उनके (मुशर्रफ और बेनजीर) संबंधों की स्थिति पर निर्भर करती है।’’ सीगल के अनुसार, बेनजीर ने 26 अक्तूबर 2007 को उन्हें एक ईमेल भेजा जिसमें उन्होंने अपनी असुरक्षा की भावना जाहिर की । उन्होंने कहा कि अगर उन्हें कुछ होता है तो वह 26 अक्तूबर को मुशर्रफ को भेजे पत्र में बताए गए कुछ खास लोगों के अलावा सैन्य शासक को जिम्मेदार ठहराएंगी ।


बेनजीर द्वारा पत्र में सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर एजाज शाह, सेवानिवृत्त लैफ्टिनेंट जनरल हामिद गुल और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी परवेज इलाही के नामों का जिक्र किया गया था।  जिरह के दौरान, नासिम ने कुरैशी से पूछा कि क्या उन्होंने अदालत को ईमेल की कोई फोरैसिक रिपोर्ट सौंपी ।  जवाब में कुरैशी ने स्वीकार किया कि अदालत को कोई फोरैसिक रिपोर्ट नहीं सौंपी गई और ईमेल बेनजीर के दो आधिकारिक पते से भेजे गए तथा उन्हें किसी फोरैसिक जांच की जरूरत नहीं ।


कुरैशी ने मुशर्रफ और शहर के तत्कालीन पुलिस अधिकारी सौद अजीज के बीच बातचीत का कोई सीधा सबूत होने से भी इंकार किया । अभियोजन ने आरोप लगाया था कि अजीज ने मुशर्रफ के निर्देश पर सबूत मिटाने के लिए अपराध स्थल को धोया था । गौरतलब है कि बेनजीर की 27 दिसंबर 2007 को रावलपिंडी में चुनावी सभा को संबोधित करने के बाद पार्क से बाहर आते वक्त धमाके में मौत हो गई थी । 

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