US से सालाना 50 लाख टन एलएनजी का आयात करेगी पेट्रोनेट, अमेरिकी कंपनी टेल्यूरियन से करार

Edited By Yaspal,Updated: 22 Sep, 2019 06:45 PM

petronet to import 5 million tonnes of lng annually from us

अमेरिका की प्राकृतिक गैस कंपनी टेल्यूरियन इंक और भारत की पेट्रोनेट एलएनजी कंपनी लि. (पीएलएल) ने एक सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत पीएलएल और उसकी सहायक इकाइयां अमेरिका से

नई दिल्लीः अमेरिका की प्राकृतिक गैस कंपनी टेल्यूरियन इंक और भारत की पेट्रोनेट एलएनजी कंपनी लि. (पीएलएल) ने एक सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत पीएलएल और उसकी सहायक इकाइयां अमेरिका से सालाना 50 लाख टन तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) का आयात करेंगी। दोनों कंपनियों ने शनिवार को इसकी घोषणा की।

सूत्रों के अनुसार पेट्रोनेट द्वारा टेल्यूरियन की ड्रिफ्टवुड परियोजना में 2.5 अरब डॉलर का निवेश कर 20 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी भी हासिल करेगी। इस समझौते को अमेरिका के एलएनजी क्षेत्र में किसी भारतीय कंपनियों की तरफ से सबसे बड़ा सौदा बताया जा रहा है। इस करार के तहत पेट्रोनेट और उसकी सहायक इकाइयां अमेरिका से 40 साल की लंबी अवधि तक 50 लाख टन एलएनजी का आयात करेगी। इस करार के तहत एलएनजी प्राप्त करने के लिए पीएलएल, लुइसियाना की 28 अरब डॉलर की इस बड़ी परियोजना में इक्विटी निवेश करेगी। दोनों कंपनियों का इरादा इस करार को 31 मार्च, 2020 तक अंतिम रूप देने का है।

यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शनिवार को अमेरिका की शीर्ष पेट्रोलियम कंपनियों के मुख्य कार्यकारियों (सीईओ) के साथ हुई बैठक के बाद की गई। टेल्यूरियन ने बयान में कहा कि एमओयू पर दस्तखत प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति में किए गए। विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस बैठक से इतर टेल्यूरियन और पेट्रोनेट एलएनजी के बीच करार पर दस्तखत किए गए। पेट्रोनेट द्वारा टेल्यूरियन के प्रस्तावित ड्रिफ्टवुड एलएनजी एक्सपोर्ट टर्मिनल में 2.5 अरब डॉलर का निवेश किया जाएगा। इसके एवज में उसे 40 साल तक हर वर्ष 50 लाख टन एलएनजी का अधिकार मिलेगा।

टेल्यूरियन के अध्यक्ष एवं सीईओ मेग जेंटल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में इस एमओयू पर दस्तखत सम्मान की बात है। हम पेट्रोनेट के साथ ड्रिफ्टवुड परियोजना में एक लंबी और समृद्ध भागीदारी की उम्मीद कर रहे हैं। पेट्रोनेट भारत की सबसे बड़ी एलएनजी आयातक है। इस करार से वह ड्रिफ्टवुड से स्वच्छ तथा कम लागत वाली बेहतर प्राकृतिक गैस की भारत में आपूर्ति कर सकेगी।

जेंटल ने कहा कि भारत में प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल बढ़ने से भारत प्रधानमंत्री के 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ सकेगा और साथ ही स्वच्छ पर्यावरण में भी योगदान दे सकेगा। ड्रिफ्टवुड परियोजना में प्राकृतिक गैस उत्पादन, संग्रहण, प्रसंस्करण और परिवहन सुविधाओं के साथ ड्रिफ्टवुड एलएनजी शामिल है। यह एक प्रस्तावित 2.76 करोड़ टन की द्रवीकरण निर्यात सुविधा है। इसकी स्थापना अमेरिकी के खाड़ी तट पर लुइसियाना चार्ल्स झील के पास की जाएगी।

 

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