Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Dec, 2017 06:35 PM
भारतीय मूल के अमरीकी नागरिकों का कहना है कि अमरीका में उनको रोजमर्रा की जिंदगी में कई बार भेदभाव का सामना करना पड़ता है। एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। ‘नेशनल पब्लिक रेडियो’, ‘रॉबर्ट वूड जॉनसन फाउंडेशन’ और ‘हारवर्ड टी एच चान स्कूल ऑफ पब्लिक...
न्यूयॉर्क: भारतीय मूल के अमरीकी नागरिकों का कहना है कि अमरीका में उनको रोजमर्रा की जिंदगी में कई बार भेदभाव का सामना करना पड़ता है। एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। ‘नेशनल पब्लिक रेडियो’, ‘रॉबर्ट वूड जॉनसन फाउंडेशन’ और ‘हारवर्ड टी एच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ’ की ओर से यह सर्वेक्षण कराया गया है।
‘डिसक्रिमिनेशन इन अमरीका’ शीर्षक वाली यह सर्वेक्षण रिपोर्ट इस सप्ताह जारी की गई। सर्वेक्षण के अनुसार भारतीय मूल के हर 10 नागरिकों में से एक ने कहा कि उनको या परिवार के किसी सदस्य को पुलिस ने इस आधार पर अनुचित ढंग से रोका या व्यवहार किया क्योंकि वे एशियाई हैं।
बहरहाल, सर्वेक्षण में शामिल भारतीय मूल के लोगों के साथ पुलिस के अनुचित ढंग से रोके जाने या व्यवहार की घटनाएं चीनी मूल के लोगों के मुकाबले आठ गुना ज्यादा पेश आईं। भारतीय मूल के 17 फीसदी लोगों के साथ इस तरह के व्यवहार की घटनाएं पेश आईं, जबकि मूल रूप से चीन से संबंध रखने वालों में से सिर्फ दो फीसदी लोगों ने ऐसी शिकायत की।
‘हारवर्ड टी एच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ’ के प्रोफेसर रॉबर्ट ब्लेंडोन ने कहा, ‘‘हमारा सर्वेक्षण दिखाता है कि एशियाई-अमरीकी परिवारों ने आवास, नौकरियों और कॉलेज में भेदभाव का अनुभव किया, जबकि सर्वेक्षण में शामिल लोग उच्चतम औसत आय वाले हैं।’’