ओपीनियन पोल में थरेसा में को झटकाः ‘कंजरवेटिव’ की लोकप्रियता घटी, ‘ब्रेग्जिट’ पार्टी को बढ़त

Edited By Tanuja,Updated: 14 May, 2019 10:39 AM

poll brexit party will win more votes than labour and conservatives

ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थैरेसा मे को 23 मई को होने वाले यूरोपीय यूनियन (EU) के संसदीय चुनाव से पहले बड़ा झटका लगा है। ओपीनियन पोल में ....

 

लंदन: ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थैरेसा मे को 23 मई को होने वाले यूरोपीय यूनियन (EU) के संसदीय चुनाव से पहले बड़ा झटका लगा है। ओपीनियन पोल में उनकी कंजरवेटिव पार्टी महज 10 प्रतिशत वोटों के साथ 5वें पायदान पर खिसक गई है। माना जा रहा है कि इससे थैरेसा पर प्रधानमंत्री पद छोडऩे का दबाव बढ़ गया है। कंजरवेटिव पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा भी है कि थैरेसा मे अगले हफ्ते पद छोडऩे की अपनी योजना का ऐलान कर सकती हैं।

एक अखबार की ओर से कराए गए इस ओपीनियन पोल में इसी साल जनवरी में गठित हुई निगेल फेराज के नेतृत्व वाली ‘ब्रेग्जिट पार्टी’ सबसे पंसदीदा दल के तौर पर उभरी है। उसे 34 प्रतिशत लोगों ने पसंद किया है। विपक्षी लेबर पार्टी 16 प्रतिशत वोट के साथ दूसरे स्थान पर है। ब्रिटेन के ई.यू. के साथ रहने का समर्थन करने वाली लिबरल डैमोक्रेट्स को 15 और ग्रींस को 11 प्रतिशत लोगों ने पसंद किया है। फेराज ने कहा कि ब्रेग्जिट पार्टी के प्रति लोगों में भारी रुचि बढ़ी है क्योंकि लोग एक लोकतांत्रिक देश में रहना चाहते हैं। ई.यू. से अलग होने के लिए ब्रिटेन में करीब 3 साल पहले जनमत संग्रह कराया गया था लेकिन ब्रिटिश नेताओं में इस बात को लेकर अब भी कोई सहमति नहीं बन पाई है कि ब्रिटेन कब और कैसे ई.यू. से बाहर होगा।

इस बात पर भी असमंजस है कि ब्रिटेन ई.यू. से बाहर हो या नहीं। ब्रिटेन को ई.यू. से गत 29 मार्च को बाहर होना था लेकिन समझौते को ब्रिटिश संसद से मंजूरी नहीं मिलने के कारण इसे अक्तूबर तक टाल दिया गया है। 3 साल पहले ई.यू. से ब्रिटेन के अलग होने का समर्थन करने वालों की संख्या में गिरावट आई है। उस समय जनमत संग्रह में 52 प्रतिशत लोगों ने इसका समर्थन किया था लेकिन ताजा सर्वे में यह गिरकर 48 प्रतिशत पर आ गया है। प्रगति के मामूली संकेतों के बीच ब्रिटेन में ब्रेग्जिट वार्ता बहाल ब्रिटेन की कंजरवेटिव पार्टी की सरकार और मुख्य विपक्षी लेबर पार्टी के बीच ब्रेग्जिट वार्ता प्रगति के मामूली संकेतों के साथ बहाल हुई है।

ई.यू. से ब्रिटेन के बाहर निकलने की शर्तों को लेकर दोनों पार्टियोंं के बीच गहरे मतभेद हैं। ब्रेग्जिट मामलों को लेकर लेबर पार्टी की तरफ से प्रवक्ता नियुक्त किए गए कीर स्टार्मर ने कहा कि उनकी पार्टी करार का समर्थन तभी करेगी जब इस पर जनमत-संग्रह कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि लेबर पार्टी के सांसदों की एक ‘अच्छी-खासी संख्या’ करार का समर्थन नहीं करेगी, यदि इसे पुष्टि के लायक वोट नहीं मिले। वहीं प्रधानमंत्री थैरेसा मे ने नए जनमत-संग्रह की मांग खारिज करते हुए कहा है कि मतदाता 2016 में ही अपना फैसला सुना चुके हैं, जब उन्होंने बहुत कम अंतर से ई.यू. छोडऩे का विकल्प चुना था।

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