भारतवंशी प्रीति पटेल ने बढ़ाई ब्रिटिश PM की मुश्किलें

Edited By Tanuja,Updated: 15 Oct, 2018 05:42 PM

priti patel joins rebels as mays brexit challenge mounts

ब्रेक्जिट मामले में ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थरेसा में का विरोध करने वाली  भारतीय मूल की ब्रिटिश सांसद प्रीति पटेल ने  ब्रिटिश पीएम के विरोधियों से हाथ मिला लिया है। पटेल ने 62 अन्य कंजर्वेटिव सांसदों के साथ एक पत्र पर दस्तखत किया है...

लंदनः ब्रेक्जिट मामले में ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थरेसा में का विरोध करने वाली  भारतीय मूल की ब्रिटिश सांसद प्रीति पटेल ने  ब्रिटिश पीएम के विरोधियों से हाथ मिला लिया है। पटेल ने 62 अन्य कंजर्वेटिव सांसदों के साथ एक पत्र पर दस्तखत किया है, जिसमें ब्रेक्जिट को लेकर सरकार के अनुमानों पर हमला किया गया है। इसमें प्रधानमंत्री की टीम पर यह भी आरोप लगाया गया है कि यूरोपीय संघ से अलग होने की स्थिति में ब्रिटेन पर प्रतिकूल आर्थिक प्रभाव पड़ने की बात लीक की जा रही है।

पूर्व ब्रेक्जिट मंत्री स्टीव बेकर के नेतृत्व में इन सांसदों ने राष्ट्रीय हितों को देखते हुए रचनात्मक और पारदर्शी रवैया अपनाने की अपील की है। पत्र के अनुसार, ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने के बाद लगाए जा रहे परस्पर विरोधी पूर्वानुमानों के चलते आम आदमी खुद को ठगा हुआ और परेशान महसूस कर रहा है। युगांडा से लंदन भागकर आए एक गुजराती परिवार में पैदा हुईं पटेल ने वैटफोर्ड ग्रामर स्कूल फॉर गर्ल्स से एजुकेशन ली है। उन्होंने हायर एजुकेशन कील और एसेक्स यूनिवर्सिटी से हासिल की है। उन्होंने कंजरवेटिव पार्टी के सेंट्रल ऑफिस में नौकरी भी की है और वो 1995 से 1997 तक सर जेम्स गोल्डस्मिथ के नेतृत्व वाली रेफरेंडम पार्टी की स्पोक्सपर्सन रही हैं।

ब्रिटेन की पूर्व पीएम मारग्रेट थेचर को अपना आदर्श नेता मानने वाली प्रीति पटेल विलियम हेग के कंजरवेटिव पार्टी का नेता बनने के बाद पार्टी में लौट आई थीं और 1997 से 2000 तक डिप्टी प्रेस सेक्रेटरी रहीं।2005 में वो नॉटिंगघम सीट के लिए चुनाव हार गई थीं, लेकिन 2010 में उन्होंने विटहैम सीट से चुनाव जीत लिया था। पटेल 2010 में सांसद चुनी गई थीं।15 जुलाई 2014 को ब्रिटेन की राजकोष सचिव नियुक्त हुई थीं।प्रीति पटेल ब्रेग्जिट कैंपने की सपोर्टर पटेल 2015 के आम चुनावों के बाद एम्प्लॉय मिनिस्टर बनी थीं।प्रीति पटेल ने इजरायल में छुट्टियों के दौरान यहूदी देश के नेताओं के साथ अनौपचारिक गुप्त बैठकों को लेकर विवाद बढ़ने पर अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। 

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