Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Dec, 2017 11:18 AM
यरुशलम को इस्राइल की राजधानी बनाए जाने के पर अमरीकी फैसले के खिलाफ शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद नमाजियों ने आसिफी मस्जिद से बड़े इमामबाड़े के गेट तक प्रदर्शन किया, लेकिन पुलिस ने उनको वहीं रोक दिया...
यरुशलमः यरुशलम को इस्राइल की राजधानी बनाए जाने के पर अमरीकी फैसले के खिलाफ शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद नमाजियों ने आसिफी मस्जिद से बड़े इमामबाड़े के गेट तक प्रदर्शन किया, लेकिन पुलिस ने उनको वहीं रोक दिया। इससे प्रदर्शनकारियों ने नाराजगी जताते हुए वहीं अमरीका व इस्राइल का राष्ट्रीय ध्वज जलाया और विरोध में नारे भी लगाए।
मजलिस उलमा हिंद के प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि यरुशलम को इस्राइल की राजधानी मंजूर करने अमेरिकी फैसला गैरकानूनी है, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र ने यूनेस्को बैठक में येरुशलम और दीवार ए बुराक पर मुसलमानों का अधिकार मंजूर किया है। अंतर्राष्ट्रीय नियमों के उल्लंघन पर अब यूएन को अमरीकी राष्ट्रपति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
मौलाना ने कहा कि हिंदू एक उदारवादी कौम है, इसलिए वर्तमान सरकार को इस्राइल के अत्याचार के खिलाफ फिलीस्तीन के मजलूमों का समर्थन करना चाहिए। जबकि, मौलाना रजा हुसैन ने कहा कि इस्राइल के अत्याचार का विरोध करना हर इंसान के लिए जरूरी है। इस दौरान मौलाना अली अब्बास खान ने भी विचार व्यक्त किए। जबकि, मजलिस उलमा हिंद ने अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप के फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र को ज्ञापन भी भेजा। वहीं, शुक्रवार को इसी मुद्दे पर ऑल इंडिया मोहम्मदी मिशन ने भी विरोध-प्रदर्शन किया। मिशन के अध्यक्ष सैयद अयूब अशरफ किछौछवी ने कहा कि यह गलत फैसला है।