Edited By Tanuja,Updated: 03 Jun, 2020 04:06 PM
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में एक 4वर्षीय बच्ची को न्याय दिलाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं। इस बच्ची को पाकिस्तान सेना ...
पेशावरः पाकिस्तान के बलूचिस्तान में एक 4वर्षीय बच्ची को न्याय दिलाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं। इस बच्ची को पाकिस्तान सेना समर्थित अपराधियों ने अपनी मां के साथ तुर्बत शहर में गोली मार दी थी। सोशल मीडिया पर इस बच्ची को इंसाफ दिलाने के लिए #JusticeForBramsh अभियान शुरू किया गया है जिसमें दुनिया भर के बलूचों ने अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं। यह घटना 31 मई को हुई थी, जब कुछ अपराधियों ने दन्नुक इलाके में मलिक नाज़ के घर में घुसकर गोलीबारी शुरू कर दी ।
इस दौरान नाज की गोली लगने से मौत हो गई और उसकी चार साल की बेटी ब्रम्हसा गंभीर रूप से घायल हो गई। गोलियों की आवाज सुनने के बाद, निवासियों ने अपराधियों में से एक अल्ताफ मजार नामक शख्स को पकड़ लिया जिसने अपने गिरोह का डेथ स्क्वैड्स(मौत के दस्ते) के समूह के साथ संबंध का खुलासा किया। डेथ स्क्वैड्स शब्द उन समूहों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो पाकिस्तान सेना और खुफिया एजेंसियों, आईएसआई और एमआई द्वारा समर्थित हैं। बलूच लोगों की हत्या और अपहरण के लिए इन समूहों को सेना द्वारा आउटसोर्स किया जा रहा है।
बलूच मानवाधिकार संगठनों के अनुसार प्रांत में 8,000 से अधिक असाधारण हत्याएं और 45,000 से अधिक लोगों के लापता हैं। जबकि सशस्त्र संघर्षों और सेना के संचालन के कारण क्षेत्र में हजारों लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हो गए हैं। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के अनुसार, पाकिस्तानी सेना लोगों, विशेषकर पत्रकारों, छात्रों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को निशाना बनाते हुए लोगों पर अत्याचार करती रहती है। उनका मानना है कि बलूचिस्तान दुनिया के सबसे हिंसक संघर्ष क्षेत्रों में से एक है जो पाकिस्तान की पकड़ में बना हुआ है।