पाक के ग्वादर में चीन के CPEC प्रोजेक्ट का बढ़ा विरोध, सैंकड़ों लोगों ने दिया धरना

Edited By Tanuja,Updated: 24 Nov, 2021 03:06 PM

protests intensify in pak s gwadar against china s cpec projects

पाकिस्तान के ग्वादर जिले में चीन की बेल्ट और सड़क परियोजना के खिलाफ विरोध तेज हो गया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार ग्वादर ...

पेशावर: पाकिस्तान के ग्वादर जिले में चीन की  बेल्ट और सड़क परियोजना के खिलाफ विरोध तेज हो गया है।  स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार  ग्वादर पोर्ट की वजह से बनी अनावश्यक चौकियों, पानी और बिजली की भारी कमी व अवैध रूप से मछली पकड़ने कारण लोगों को अपनी आजीविका के खतरे की आशंका है। इन मुद्दों को लेकर सैंकड़ों लोगों ने धरना दिया जिसका नेतृत्व जमात-ए-इस्लामी (JI) बलूचिस्तान के प्रांतीय महासचिव मौलाना हिदायत-उर-रहमान ने किया। मौलाना हिदायत चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के खिलाफ क्षेत्र में कई प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे हैं।

 

ग्वादर के अलावा  पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के जांद शहर में रहने वाले सैकड़ों लोग निर्माणाधीन  CPEC  रोड पर जमा हो गए और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचए) और अन्य अधिकारियों के खिलाफ अपने क्षेत्रों में सर्विस रोड का निर्माण नहीं करने के लिए विरोध प्रदर्शन किया। डॉन ने बताया कि मेगा प्रोजेक्ट के कारण लोग एक-दूसरे से कट गए हैं। 2015 में  शुरू की गई 46 अरब डॉलर की CPEC  परियोजना  षणा के बाद से  ही विवादों में है । स्थानीय लोग बलूचिस्तान में चीन की बढ़ती भागीदारी का विरोध कर रहे हैं।

 

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि CPEC परियोजना से बलूचिस्तान के लोगों को लाभ नहीं हुआ है जबकि अन्य प्रांतों के लोग मेगा परियोजना का लाभ उठा रहे हैं। इस योजना के प्रति विरोध बढ़ता जा रहा है। लोग चीन की परियोजनाओं को अतिक्रमणकरण  के रूप में देखते हैं जो इस क्षेत्र से सारी संपत्ति को निचोड़ रहे हैं। डॉन के अनुसार  कुछ हफ्तों के भीतर बंदरगाह शहर में यह दूसरा ऐसा सामूहिक विरोध है।  अक्टूबर में भी ग्वादर और तुर्बत के हजारों निवासी   पीने के पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं की अनुपलब्धता और मकरान डिवीजन में बढ़ती बेरोजगारी के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए वहां एकत्र हुए थे।

 

प्रदर्शनकारी क्षेत्र में अनावश्यक सुरक्षा जांच चौकियों को हटाने और गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाली नौकाओं को रोकने की मांग कर रहे थे क्योंकि इससे स्थानीय मछुआरों को भारी नुकसान हो रहा था। बहुत से लोग कहते हैं कि उन्हें अपनी ही भूमि में अजनबियों की तरह महसूस कराया जाता है। उनकी शिकायत है कि सरकार ने चीनी ट्रॉलरों को तट से दूर पानी में मछली पकड़ने के लिए लाइसेंस जारी किया है। बता दें कि CPEC  परियोजना अरब सागर पर बलूचिस्तान में पाकिस्तान के दक्षिणी ग्वादर बंदरगाह को चीन के पश्चिमी शिनजियांग क्षेत्र से जोड़ेगी। इसमें सड़क बनाने की योजना भी शामिल है

 

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