Edited By PTI News Agency,Updated: 04 Jun, 2020 08:03 PM
वाशिंगटन, चार जून (भाषा) जी7 देशों के वित्त मंत्रियों ने कहा है कि दुनिया के अत्यंत गरीब देशों के लिए ऋण राहत पहल को 2020 से आगे बढ़ाया जा सकता है। इससे इन देशों को कोरोना वायरस संकट के बीच कुछ राहत मिल सकेगी।
वाशिंगटन, चार जून (भाषा) जी7 देशों के वित्त मंत्रियों ने कहा है कि दुनिया के अत्यंत गरीब देशों के लिए ऋण राहत पहल को 2020 से आगे बढ़ाया जा सकता है। इससे इन देशों को कोरोना वायरस संकट के बीच कुछ राहत मिल सकेगी।
अमीर देशों के जी7 समूह का संयुक्त वक्तव्य ऐसे समय आया है जबकि यह चेतावनी दी गई है कि कम आय वाले देशों और उभरती अर्थव्यवस्थाओं को इस संकट से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के शुरुआती 2,500 अरब डॉलर के अनुमान से अधिक की जरूरत होगी। जी7 समूह में कनाडा़, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं।
दुनिया की सबसे आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं के मंत्रियों ने कहा, ‘‘हम साथ मिलकर कोविड-19 से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय आर्थिक प्रयासों को आगे बढ़ाएंगे। हम अत्यंत गरीब और कमजोर देशों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि कोविड-19 से कई कम आय वाले दशों में मौजूदा ऋण संकट और बढ़ गया है। इससे विकास के लिए दीर्घावधि के वित्त को ऋण की स्थिरता और पारदर्शिता का महत्व बढ़ जाता है।
मंत्रियों ने कहा कि इस परिप्रेक्ष्य में हम ऋण भुगतान स्थगन पहल (डीएसएसआई) के क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस पर जी20 और पेरिस क्लब में सहमति बनी है। इसके तहत गरीब देशों के लिए आधिकारिक द्विपक्षीलय ऋण भुगतान 2020 के अंत तक स्थगन रहेगा। इसे संभवत: और आगे बढ़ाया जा सकता है। इससे इन देशों को महामारी से निपटने के लिए सामाजिक, स्वास्थ्य और अन्य उपायों पर खर्च करने के लिए कोष उपलब्ध हो सकेगा।
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