पाक स्थित अमेरिकी ब्लॉगर ने पीपीपी के तीन नेताओं पर दुष्कर्म, हमले का आरोप लगाया

Edited By PTI News Agency,Updated: 06 Jun, 2020 04:36 PM

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इस्लामाबाद, छह जून (भाषा)
पाकिस्तान स्थित एक अमेरिकी ब्लॉगर ने विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के तीन वरिष्ठ नेताओं पर 2011 में उसके साथ दुष्कर्म करने तथा उस पर हमला करने का आरोप लगाया है।
सिंथिया डी रिची ने शुक्रवार को अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो क्लिप पोस्ट कर यह आरोप लगाया और जल्द ही यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।


रिची ने दावा किया, “2011 में, पूर्व गृह मंत्री रहमान मलिक द्वारा मेरा बलात्कार किया गया। यह सही है, मैं इसे फिर कहूंगी। तत्कालीन गृह मंत्री रहमान मलिक ने मुझसे दुष्कर्म किया।”
उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री मखदूम शहाबुद्दीन ने तब उनसे “शारीरिक दुर्व्यवहार” किया जब गिलानी इस्लामाबाद में राष्ट्रपति भवन में रह रहे थे।
रिची की इस फेसबुक पोस्ट के बाद उनके और पीपीपी के बीच पहले से चली आ रही कड़वाहट और बढ़ गई है। रिची ने 28 मई को एक ट्वीट पर पूर्व प्रधानमंत्री और दिवंगत पार्टी नेता बेनजीर भुट्टो पर एक टिप्पणी की थी जिसे पार्टी ने मानहानिकारक बताते हुए उन पर संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) में मामला भी दर्ज कराया था।


रिची ने यह टिप्पणी मॉडल उज्मा खान और एक महिला के बीच हिंसक टकराव पर हो रही चर्चा के दौरान की थी। महिला ने मॉडल पर आरोप लगाया था कि उज्मा के उसके पति के साथ संबंध रहे हैं और इस आधार पर वह मॉडल के खिलाफ अपने हिंसक व्यवहार को जायज ठहरा रही थी।
रिची ने ट्वीट पर टिप्पणी करते हुए लिखा था, “यह उसी को परिलक्षित करता है जो बेनजीर भुट्टो करती थीं जब उनके पति धोखा देते थे। महिलाओं से दुष्कर्म के लिये पहरेदार थे। महिलाएं इस बलात्कार संस्कृति को स्वीकार क्यों करती हैं? पुरुषों की कभी जवाबदेही क्यों नहीं होती? न्याय प्रणाली कहां है? ”
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, पीपीपी ने उसी दिन भुट्टो पर टिप्पणी को लेकर रिची के खिलाफ एफआईए के समक्ष मामला दर्ज कराया था।
एक अन्य पोस्ट में रिची ने कहा कि उसके साथ दुष्कर्म ‘मिनिस्टर्स इनक्लेव’ में मलिक के घर में 2011 में करीब उस छापे के वक्त हुआ था जिसमें अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में मारा गया था।
उन्होंने लिखा, “ मुझे लगा था कि वहां मेरे वीजा को लेकर एक बैठक थी, लेकिन मुझे फूल दिये गए और नशीला पेय।”
उन्होंने यह भी कहा कि वह चुप रहीं क्योंकि तत्कालीन पीपीपी सरकार में किसी ने उनकी मदद नहीं की।
पीपीपी 2008 से 2013 तक सत्ता में थी और गिलानी जून 2012 तक प्रधानमंत्री थे, जब उन्हें अदालत के आदेश को नहीं मानने पर उच्चतम न्यायालय ने पद से हटा दिया था।


रिची ने यह भी कहा कि उसने इस घटना के बारे में 2011 में पाकिस्तान स्थित अमेरिकी दूतावास में “किसी को” जानकारी दी थी, लेकिन स्थितियों के किसी ठोस स्वरूप में नहीं होने और अमेरिका व पाकिस्तान के बीच “जटिल” संबंधों के कारण “प्रतिक्रिया पर्याप्त से कम थी।”
पीपीपी के साथ अपनी लड़ाई के संबंध में उन्होंने कहा कि यह वास्तव में ट्वीट के बारे में नहीं है बल्कि उन लोगों के बारे में है जो जानते हैं कि वह पाकिस्तान में बहुत से लोगों के बारे में काफी कुछ जानती हैं।


डान अखबार ने रिची को उद्धृत करते हुए कहा, “प्राथमिक रूप से यह उन लोगों के बारे में हैं जो महिलाओं और कमजोर लोगों का इस्तेमाल कर उन्हें प्रताड़ित करते हैं।”
गिलानी ने हालांकि इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह इस तरह के आरोपों पर जवाब देने पर भी विचार कर रहे हैं।


एआरवाई न्यूज से बातचीत में उनसे पूछा गया कि जब रिची के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार हुआ तो वह राष्ट्रपति भवन में क्या कर रही थीं और वह पाकिस्तान में क्यों रह रही थीं।
गिलानी ने आरोप लगाया कि वह राजनेताओं की छवि धूमिल करने के अभियान के तहत पाकिस्तान आई थी।
उन्होंने पूछा, “किसने उन्हें राजनेताओं की छवि धूमिल करने का अधिकार दिया?”
उन्होंने कहा कि रिची उनकी छवि खराब कर रही है क्योंकि उनके दो बेटों ने भुट्टो पर कथित अपमानजनक ट्वीट को लेकर उसके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया है।
दो पूर्व मंत्रियों ने हालांकि अब तक आरोप पर कोई जवाब नहीं दिया है।

यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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