Edited By PTI News Agency,Updated: 07 Jun, 2020 03:26 PM
इस्लामाबाद, सात जून (भाषा) पाकिस्तान ने सीपीईसी के तहत पेशावर और कराची के बीच 7.2 अरब डॉलर की रेल लाइन उन्नयन परियोजना को मंजूरी दी है। इस कदम से वित्त की उपलब्धता के लिये चीन से अंतिम वार्ता का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
इस्लामाबाद, सात जून (भाषा) पाकिस्तान ने सीपीईसी के तहत पेशावर और कराची के बीच 7.2 अरब डॉलर की रेल लाइन उन्नयन परियोजना को मंजूरी दी है। इस कदम से वित्त की उपलब्धता के लिये चीन से अंतिम वार्ता का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) असीम सलीम बाजवा ने कहा कि पेशावर से कराची के लिये 1,872 किमी लंबी रेल लाइन उन्नयन परियोजना की मंजूरी सीपीईसी के दूसरे चरण के लिये एक बड़ी उपलब्धि है।
‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के मुताबिक सेंट्रल डेवलपमेंट वर्किंग पार्टी (सीडीडब्ल्यूपी) ने शनिवार को पाकिस्तान रेलवे मेनलाइन-1 (एमएल-1) परियोजना को मंजूरी प्रदान की।
सरकार की मुख्य इकाई द्वारा यह मंजूरी प्रदान किये जाने से परियोजना के लिये वित्त की उपलब्धता को लेकर चीन के साथ अंतिम बातचीत का और बीजिंग से एक बड़े ऋण के सिलसिले में उसकी चिंताओं का हल करने के वास्ते अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ वार्ता का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
पाकिस्तान को आईएमएफ से भी छूट मांगनी होगी क्योंकि वैश्विक वित्तीय संस्था के साथ मौजूदा करार के तहत यह आवश्यक है।
यह चौथा मौका है जब सीडीडब्ल्यूपी के पास परियोजना मंजूरी के लिये आई थी। पहली बार उसने 2016 में इस पर विचार किया था।
योजना मंत्रालय ने कहा कि अब परियोजना आगे की मंजूरी के लिये राष्ट्रीय आर्थिक परिषद की कार्यकारी समिति के पास जाएगी।
इसे आखिर में मंत्रिमंडल की मंजूरी लेनी होगी लेकिन किसी बड़ी परियोजना के लिये सीडीडब्ल्यूपी की शुरूआती मंजूरी लेने को अहम माना जाता है।
इस परियोजना के पूरी हो जाने पर इस पटरी पर यात्री ट्रेनों की गति 65/110 किमी प्रति घंटा से बढ़ कर 160 किमी प्रति घंटा हो जाएगी।
अरबों डॉलर की लागत वाला सीपीईसी सड़क, रेल और ऊर्जा परियोजनाओं का एक नेटवर्क होगा, जो चीन के संसाधन बहुल शिंजियांग उयगुर स्वायत्त क्षेत्र को पाकिस्तान के रणनीतिक महत्व के ग्वादर बंदरगाह (अरब सागर) से जोड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि भारत ने सीपीईसी का विरोध किया है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरेगा।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।