पाकिस्तान में मौत की सजा पाए कैदी को 21 वर्ष बाद रिहा किया गया

Edited By PTI News Agency,Updated: 01 Jul, 2020 07:59 PM

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इस्लामाबाद, एक जुलाई (भाषा) पाकिस्तान में किशोरावस्था में किये गए एक अपराध के लिये मौत की सजा पाए एक व्यक्ति को 21 वर्ष बाद रिहा कर दिया गया है। एक गैर-लाभकारी मानवाधिकार समूह ने बुधवार को यह जानकारी दी।

इस्लामाबाद, एक जुलाई (भाषा) पाकिस्तान में किशोरावस्था में किये गए एक अपराध के लिये मौत की सजा पाए एक व्यक्ति को 21 वर्ष बाद रिहा कर दिया गया है। एक गैर-लाभकारी मानवाधिकार समूह ने बुधवार को यह जानकारी दी।

जस्टिस प्रोजेक्ट पार्टी (जेपीपी) के अनुसार, मोहम्मद इकबाल को 1998 में जब गिरफ्तार किया गया था, तब उसकी उम्र 17 साल थी। एक साल बाद उसे मौत की सजा सुनाई गई।

लेकिन पाकिस्तान ने वर्ष 2,000 में किशोर न्याय प्रणाली अध्यादेश पारित करते हुए किशोर अपराधियों को मौत की सजा को अवैध घोषित कर दिया।

जेपीपी ने कहा कि इसके बाद 2001 में राष्ट्रपति की ओर से अधिसूचना जारी की गई जिसमें इस अध्यादेश के पारित होने से पहले मौत की सजा पा चुके सभी किशोरों के माफी दे दी गई। हालांकि इकबाल के किशोर साबित होने के बावजूद इसकी मौत की सजा बरकरार रही।

समूह ने कहा कि पंजाब सरकार ने 2003 में लाहौर उच्च न्यायालय को पत्र लिखा, जिसमें इकबाल को क्षमा के हकदार कैदियों में से एक बताया गया।

जेपीपी ने कहा, ''दो दशक बाद आखिरकार लाहौर उच्च न्यायालय ने माना कि इकबाल के साथ गलत हुआ और उसे मौत की सजा न दी जाए।'' फरवरी 2020 में उसकी मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया। जब यह पक्का हो गया कि वह पहले ही आजीवन कारावास की सजा काट चुका है तो 30 जून 2020 को उसे जेल से रिहा कर दिया गया।

जेपीपी ने यह नहीं बताया कि इकबाल ने क्या अपराध किया था।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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