Edited By PTI News Agency,Updated: 02 Jul, 2020 11:02 PM
ललित के झा
ललित के झा
वाशिंगटन, दो जुलाई (भाषा) एक प्रभावशाली अमेरिकी सांसद ने बृहस्पतिवार को कहा कि "चीन की आक्रामकता " से भारत और क्षेत्र में अन्य सहयोगियों के साथ खड़े होने के अमेरिका के स्पष्ट संकल्प के साथ मुकाबला करना चाहिए।
भारत और चीन की सेनाओं का पिछले महीने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के कई इलाकों में टकराव हुआ था। दोनों देश सैन्य और राजनयिक स्तर पर विवाद के समाधान के लिए वार्ताएं कर रहे हैं।
अमेरिकी कांग्रेस के भारतीय-अमेरिकी सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने कहा, " भारत हमारे करीबी मित्रों में से एक है और चीनी सरकार की सीमा पर आक्रमकता के मद्देनजर यह अहम है कि हम भारत के साथ खड़े हों। "
उन्होंने बताया कि चीनी सरकार कोविड-19 महामारी का फायदा उठाकर अपने पड़ोसियों को धमका रही है जो आक्रामकता की एक बढ़ती हुई प्रवृत्ति बन रही है।
कृष्णमूर्ति ने कहा, ”इस आक्रमकता से भारत और क्षेत्र में अन्य सहयोगियों के साथ खड़े होने के अमेरिका के स्पष्ट संकल्प के साथ मुकाबला करना चाहिए। हमें इस तनाव को कम करने के लिए काम करना चाहिए, जबकि चीन को स्पष्ट संदेश देना चाहिए कि उसका आक्रमक व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ”
खुफिया संबंधी सदन की एक प्रमुख समिति के पहले भारतीय अमेरिकी सदस्य कृष्णमूर्ति ने एक दिन पहले कांग्रेस की सुनवाई के दौरान आरोप लगाया कि चीन अपने पड़ोसियों को धमका रहा है।
उन्होंने कहा कि वह दक्षिण चीन सागर में धमका रहा है। ताइवान और हांगकांग को धमका रहा है और अब भारत के साथ सीमा पर यह रवैया अपना रहा है।
चीन का दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में क्षेत्रीय विवाद है। बीजिंग ने कई द्वीपों का सैन्यकरण किया है।
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