चीन ने स्वदेशी नेवीगेशन उपग्रह प्रणाली बेइदोऊ-3 की औपचारिक शुरुआत की

Edited By PTI News Agency,Updated: 31 Jul, 2020 10:39 PM

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बीजिंग, 31 जुलाई (भाषा) चीन ने शुक्रवार को देश के स्वदेशी नेवीगेशन सेटेलाइट सिस्टम (बीडीएस) बेइदोऊ-3 की पूर्ण वैश्विक सेवाओं की शुक्रवार को औपचारिक शुरुआत कर दी जो अमेरिकी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) को टक्कर दे सकता है। इससे चीन की सेना...

बीजिंग, 31 जुलाई (भाषा) चीन ने शुक्रवार को देश के स्वदेशी नेवीगेशन सेटेलाइट सिस्टम (बीडीएस) बेइदोऊ-3 की पूर्ण वैश्विक सेवाओं की शुक्रवार को औपचारिक शुरुआत कर दी जो अमेरिकी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) को टक्कर दे सकता है। इससे चीन की सेना को स्वतंत्र नेवीगेशन सुविधा मुहैया होंगी।
चीन की सरकारी मीडिया के अनुसार देश के राष्ट्रपति शी चिनफिंग यहां बेइदोऊ-3 की पूर्ण सेवाओं की शुरूआत के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए।
इसके साथ ही चीन के स्वदेशी तौर पर तैयार बेइदोऊ-3 नेटवर्क की शुरूआत हो गई। बेइदोऊ-3, दुनिया के चार नेवीगेशन नेटवर्क प्रणालियों में से एक है। तीन अन्य नेवीगेशन नेटवर्क में अमेरिकी जीपीएस, रूस का जीएलओएनएएसएस और यूरोपीय संघ का गैलीलियो शामिल है।

भारत भी अपना नेवीगेशन सिस्टम तैयार कर रहा है जिसका नाम इंडियन रिजनल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम (आईआरएनएसएस) है।
पाकिस्तान जैसे कुछ देश बीडीएस का इस्तेमाल कर रहे हैं। साथ ही चीन अपनी विशाल परियोजना बैल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) में शामिल देशों को भी इसके उपयोग को बढ़ावा दे रहा है।

इससे चीन को मुख्य लाभ यह होगा कि वह अपनी मिसाइलों को निर्देशित करने के लिए जीपीएस के बदले अपने नेवीगेशन प्रणाली का इस्तेमाल कर सकता है। यह विशेष तौर अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर महत्वपूर्ण है।

बीडीएस के मुख्य डिजाइनर यांग चांगफेंग ने कहा कि बेइदोऊ प्रणाली अत्यंत सटीकता के साथ नेविगेशन में सहायता प्रदान करती है।
यांग ने कहा कि इस प्रणाली क इस्तेमाल परिवहन, कृषि, मछली पकड़ने और आपदा राहत सहित विभिन्न क्षेत्रों में सेवाओं का उपयोग किया जाता है। यह रूस के जीएलओएनएएसएस और यूरोपीय संघ के गैलीलियो सिस्टम के साथ-साथ अमेरिका के जीपीएस के लिए एक विकल्प प्रदान करता है।
चीन के बेइदोऊ नेविगेशन परियोजना की शुरूआत 1990 के दशक की शुरुआत में की गई थी। यह प्रणाली 2000 में चीन के भीतर और 2012 में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चालू हो गयी।

सरकारी टीवी सीजीटीएन ने कहा कि इसके तीसरी पीढ़ी के उपग्रहों के उन्नयन के साथ, 35 उपग्रहों के साथ यह प्रणाली वैश्विक कवरेज प्रदान करने के लिए तैयार है।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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