Edited By PTI News Agency,Updated: 28 Sep, 2020 04:13 PM
वाशिंगटन, 28 सितंबर (भाषा) बाइडेन के प्रचार अभियान से जुड़़ी टीम ने अमेरिका में सिख समुदाय के लोगों के बीच जगह बनाने के लिए एक पहल शुरू की है तथा देश में अल्पसंख्यक धार्मिक समूहों को जेनोफोबिया (विदेशी लोगों से भय) जैसी जिन चुनौतियों का सामना...
वाशिंगटन, 28 सितंबर (भाषा) बाइडेन के प्रचार अभियान से जुड़़ी टीम ने अमेरिका में सिख समुदाय के लोगों के बीच जगह बनाने के लिए एक पहल शुरू की है तथा देश में अल्पसंख्यक धार्मिक समूहों को जेनोफोबिया (विदेशी लोगों से भय) जैसी जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है उनका समाधान निकालने का संकल्प भी लिया है।
अभियान का नाम है ‘सिख अमेरिकन्स फॉर बाइडेन’। बाइडेन की प्रचार अभियान टीम की ओर से कहा गया कि स्कूलों में सिख अमेरिकी युवाओं की सुरक्षा को लेकर भी उसकी योजनाएं हैं।
रविवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में बाइडेन की प्रचार अभियान टीम की ओर से कहा गया, ‘‘सिख अमेरिकी लोगों को डराए धमकाए जाने की दर राष्ट्रीय औसत से दोगुनी है। 2017 से ऐसे मामले बढ़े हैं।’’ जानीमानी नागरिक अधिकार कार्यकर्ता एवं सिख अमेरिकन नेशनल लीडरशिप परिषद की सदस्य किरण कौर गिल ने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस भेदभाव और डराने-धमकाने को न केवल नजअंदाज कर रखा है बल्कि इसे बढ़ावा भी दिया है।
सिख अमेरिकन नेशनल लीडरशिप परिषद सिख अमेरिकन्स फॉर बाइडेन की सलाहकार परिषद है।
बाइडेन की प्रचार अभियान टीम ने कहा कि सत्ता में आने पर बाइडेन प्रशासन दादागिरी के खिलाफ अतिरिक्त संघीय वित्तपोषण आवंटित करेगा।
एक अन्य नागरिक अधिकार कार्यकर्ता वालारी कौर ने कहा, ‘‘यह चुनाव अन्य चुनावों से अलग है। सिखों के पूर्वजों ने जिस भी चीज के लिए लड़ाई लड़ी, चाहे वह सम्मान हो, समानता हो या न्याय- सभी कुछ दांव पर लगा है।’’
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