Edited By PTI News Agency,Updated: 15 Oct, 2020 09:18 PM
वाशिंगटन, 15 अक्टूबर (भाषा) अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलीना जॉर्जीवा ने बृहस्पतिवार को कहा कि आज दुनिया के सामने कोरोना वायरस महामारी से निपटने और बेहतर कल बनाने की दोहरी चुनौती है। उन्होंने कहा कि आज विश्व एक...
वाशिंगटन, 15 अक्टूबर (भाषा) अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलीना जॉर्जीवा ने बृहस्पतिवार को कहा कि आज दुनिया के सामने कोरोना वायरस महामारी से निपटने और बेहतर कल बनाने की दोहरी चुनौती है। उन्होंने कहा कि आज विश्व एक बार फिर ब्रेटन वुड्स जैसी स्थिति को महसूस कर रहा है।
आईएमएफ के संचालन मंडल की सलाना बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ब्रेंटन वुड्स के बारे में जो सच्चाई हम जानते हैं कि मित्र देश द्वितीय विश्व युद्ध के बाद एक ऐसे संस्थान के गठन को लेकर एक साथ बैठे थे, जो कि भविष्य के टकराव को रोकने के लिये आर्थिक सहयोग का इस्तेमाल करेंगे। आज यही स्थिति सबके सामने है।
उन्होंने कहा, ‘‘आज हमारे समय नये ब्रेटन वुड्स जैसी स्थिति है। महामारी से पहले ही 10 लाख से अधिक लोगों की जानें जा चुकी है। इस संकट के आर्थिक प्रभाव से विश्व अर्थव्यवस्था इस साल 4.4 प्रतिशत घटेगी और अगले साल उत्पादन में 11,000 अरब डॉलर की कमी की आशंका है। इसके अलावा दशकों में पहली बार बड़े स्तर पर व्यवधान और गरीबी बढ़ने से लोगों में एक हताशा है, जिसे बयां नहीं किया जा सकता।’’
जॉर्जीवा ने कहा, ‘‘एक बार फिर हमारे समक्ष दो बड़े कार्य हैं। आज संकट से निपटना और कल के लिये बेहतर दुनिया बनाना।’’
उन्होंने कहा कि वृद्धि, रोजगार और जीवन स्तर में सुधार के लिये समझ-बूझ के साथ वृहत आर्थिक नीतियों और मजबूत संस्थानों की जरूरत है
आईएमएफ प्रमुख ने कहा कि मौद्रिक, राजकोषीय और वित्तीय नीतियों के लिये मजबूत मध्यम अवधि की व्यवस्था के साथ-साथ सुधारों की जरूरत है। यह व्यापार, प्रतिस्पर्धा और उत्पादकता को बढ़ाने के लिये आवश्यक है। इससे नीतिगत कदम को लेकर एक भरोसा पैदा हो सकता है तथा भविष्य के लिये मजबूत व्यवस्था खड़ी हो सकेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें पता है कि जो भी कदम है, उसे अभी उठाने की जरूरत है। एक टिकाऊ और भरोसेमंद आर्थिक पुनरूद्धार तभी संभव है, जब हम महामारी को खत्म करे। स्वास्थ्य उपाय प्राथमिकता होनी चाहिए। मैं आपसे आग्रह करती हूं कि प्रभावी उचार और टीकों के उत्पादन और वितरण में मदद करें ताकि इन तक सभी देशों की पहुंच सुनिश्चित हो सके।’’
जॉर्जीवा ने देशों से कामगारों और कंपनियों को तब तक समर्थन देने का आग्रह किया जबतक स्वास्थ्य संकट से पार नहीं पा लिया जाता है।
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