Edited By PTI News Agency,Updated: 20 Jan, 2021 11:03 AM
वाशिंगटन, 20 जनवरी (भाषा) अमेरिका के रक्षा मंत्री के तौर पर नामित लॉयड ऑस्टिन ने कहा है कि बाइडन प्रशासन का लक्ष्य भारत के साथ रक्षा सहयोग को बढ़ाना है।
वाशिंगटन, 20 जनवरी (भाषा) अमेरिका के रक्षा मंत्री के तौर पर नामित लॉयड ऑस्टिन ने कहा है कि बाइडन प्रशासन का लक्ष्य भारत के साथ रक्षा सहयोग को बढ़ाना है।
सेवानिवृत्त जनरल लॉयड ऑस्टीन मंगलवार को रक्षा मंत्री के तौर पर अपने नाम की पुष्टि के लिए सीनेट सशस्त्र सेवा समिति के सामने पेश हुए। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं रक्षा मंत्री के तौर पर चुना जाता हूं तो मेरा लक्ष्य भारत के साथ हमारे रक्षा संबंधों को और आगे बढ़ाना होगा।’’नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने रक्षा मंत्री के तौर पर ऑस्टीन को नामित किया है।
ऑस्टीन ने कहा, ‘‘मैं, भारत का ‘प्रमुख रक्षा सहयोगी’ का दर्जा जारी रखूंगा और साझा हितों पर अमेरिकी एवं भारतीय सेना की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए रक्षा सहयोग को और मजबूत बनाने का प्रयास करूंगा।’’उन्होंने कहा कि वह क्वाड रक्षा वार्ता और अन्य क्षेत्रीय बहुपक्षीय भागीदारी से भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग को और प्रगाढ़ करने एवं व्यापकता देने का प्रयास करेंगे।
ऑस्टीन ने कहा कि वह समझते हैं कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में अमेरिका के अनुरोध पर काफी ठोस कदम उठाए हैं। पाकिस्तान ने भारत विरोधी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ भी कदम उठाए हैं, हालांकि यह प्रगति काफी नहीं है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में असहयोग का आरोप लगाते हुए 2018 में उसे सभी आर्थिक एवं सैन्य मदद पर रोक लगा दी थी।
ऑस्टीन ने कहा कि अगर वह रक्षा मंत्री चुने जाते हैं तो वह पाकिस्तान को अपनी जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद और हिंसक अतिवादी संगठनों को नहीं करने देने का दबाव बनाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान की सेना के साथ संबंध निर्माण जारी रखने से अहम मुद्दों पर अमेरिका और पाकिस्तान के सहयोग का मार्ग खुलेगा।’’ ऑस्टीन ने कहा कि वह पाकिस्तान सेना से जुड़े अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय सैन्य शिक्षा एवं प्रशिक्षण कोष के माध्यम से भविष्य में प्रशिक्षण देने और साझा हितों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘अलकायदा और इस्लामिक स्टेट खोरासन प्रॉविंस (आईएसआईएस-के) को हराने और क्षेत्र में स्थिरता लाने के लिए पाकिस्तान के साथ काम करना जरूरी है।’’
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