Edited By PTI News Agency,Updated: 21 Jan, 2021 04:26 PM
वाशिंगटन, 21 जनवरी (भाषा) अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने पद भार संभालने के बाद पहले दिन कांग्रेस को एक समग्र आव्रजन विधेयक भेजा। इस विधेयक में आव्रजन से जुड़ी व्यवस्था में प्रमुख संशोधन किये जाने का प्रस्ताव है। ‘यूएस सिटीजनशिप एक्ट ऑफ...
वाशिंगटन, 21 जनवरी (भाषा) अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने पद भार संभालने के बाद पहले दिन कांग्रेस को एक समग्र आव्रजन विधेयक भेजा। इस विधेयक में आव्रजन से जुड़ी व्यवस्था में प्रमुख संशोधन किये जाने का प्रस्ताव है। ‘यूएस सिटीजनशिप एक्ट ऑफ 2021’ में आव्रजन प्रणाली को उदार बनाया गया है। इस विधेयक के जरिये हजारों की संख्या में अप्रवासियों और अन्य समूहों को नागरिकता मिलने का रास्ता साफ होगा और अमेरिका के बाहर ग्रीन कार्ड के लिए परिवार के सदस्यों को कम समय तक इंतजार करना पड़ेगा।
इस विधेयक में आव्रजन प्रणाली के आधुनिकीकरण और रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड के लिए प्रति देश तय की गई सीमा को खत्म करने का भी इसमें प्रावधान किया गया है। इससे अमेरिका में हजारों भारतीय आईटी पेशवरों को लाभ होगा।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘आज राष्ट्रपति बाइडन ने कांग्रेस को एक आव्रजन विधेयक भेजा। अमेरिकी नागरिकता अधिनियम हमारी आव्रजन प्रणाली का आधुनिकीकरण करने वाला है। यह मेहनती लोगों और यहां दशकों से रह रहे लोगों को नागरिकता हासिल करने का एक अवसर प्रदान करता है।’’ साकी ने कहा कि विधेयक में राष्ट्रपति की प्राथमिकताएं परिलक्षित होती है जिसमें सीमा का जिम्मेदारी से प्रबंधन , परिवारों को एक साथ रखने, हमारी अर्थव्यवस्था को विकसित करने और मध्य अमेरिका से पलायन के मूल कारणों का पता लगाना शामिल हैं।
व्हाइट हाउस ने कहा कि यह विधेयक अमेरिका की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि प्रत्येक कर्मचारी सुरक्षित हो। यह विधेयक अप्रवासी पड़ोसियों, सहकर्मियों, सहयोगियों, समुदाय के नेताओं, दोस्तों, और प्रियजनों के लिए नागरिकता के लिए एक मार्ग बनाता है।
इस विधेयक से भारतीय आईटी पेशेवरों को फायदा होगा जिनमें से अधिकतर उच्च रूप से दक्ष हैं और एच-1 वीजा पर अमेरिका आये थे। ये लोग मौजूदा आव्रजन प्रणाली से सर्वाधिक पीड़ित हैं क्योंकि इसमें ग्रीन कार्ड या स्थायी कानूनी निवास के लिए प्रति देश सात प्रतिशत आवंटन की व्यवस्था है।
विधेयक में ‘नो बैन एक्ट’ शामिल है जो धर्म पर आधारित भेदभाव को रोकता है और भविष्य के प्रतिबंध जारी करने के लिए राष्ट्रपति के अधिकार को सीमित करता है। इस विधेयक में 55 हजार की जगह 80 हजार वीजा देने की बात कही गई है।
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