पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने नेशनल असेंबली में विश्वासमत जीता

Edited By PTI News Agency,Updated: 06 Mar, 2021 06:49 PM

pti international story

इस्लामाबाद, छह मार्च (भाषा) पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को विपक्षी दलों के बहिष्कार के आह्वान के बीच नेशनल असेंबली (संसद) में विश्वासमत जीत लिया, जिससे देश में राजनीतिक अस्थिरता खत्म हो गयी।

इस्लामाबाद, छह मार्च (भाषा) पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को विपक्षी दलों के बहिष्कार के आह्वान के बीच नेशनल असेंबली (संसद) में विश्वासमत जीत लिया, जिससे देश में राजनीतिक अस्थिरता खत्म हो गयी।

हाल में करीबी मुकाबले वाले सीनेट चुनाव में वित्त मंत्री की हार के बाद उनकी सरकार पर संकट आ गया था।

प्रधानमंत्री इमरान खान को संसद के 342 सदस्यीय निचले सदन में 178 वोट मिले और सामान्य बहुमत के लिए 172 वोट की जरूरत थी। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के निर्देश पर संसद का विशेष सत्र बुलाया गया था।

विपक्ष ने इसमें हिस्सा नहीं लिया क्योंकि 11 दलों के गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) ने मतविभाजन का बहिष्कार किया था, जिससे खान को विश्वासमत जीतने के लिए जरूरी संख्या जुटाने में आसानी हुई।

विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सदन में एक-सूत्री प्रस्ताव रखा।

प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘यह सदन इस्लामी पाकिस्तान गणराज्य के संविधान के अनुच्छेद 91 के खंड (7) के तहत प्रधानमंत्री में विश्वास जताता है।’’स्पीकर असद कैसर ने नतीजे घोषित किये और कहा, ‘‘खान को दो साल पहले 176 वोटों से प्रधानमंत्री पद के लिए चुना गया था। आज उन्होंने 178 वोट हासिल किये हैं।’’पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के उम्मीदवार और पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने बुधवार को सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उम्मीदवार अब्दुल हाफिज शेख को करीबी मुकाबले में सीनेट चुनाव में हरा दिया था। खान के लिए यह बड़ा झटका था जिन्होंने वित्त मंत्री अब्दुल हाफिज शेख के लिए निजी तौर पर प्रचार किया था।

क्रिकेटर से नेता बने 68 वर्षीय खान ने अब्दुल हाफिज शेख की हार के बाद निचले सदन में विश्वासमत कराने का फैसला किया था।

वित्त मंत्री की हार के बाद विपक्षी दलों ने खान के इस्तीफे की मांग की थी।

नेशनल असेंबली में सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के 157 सदस्य थे लेकिन पार्टी के सांसद फैसल वोड़ा के इस्तीफे के बाद उसके 156 सदस्य हैं।

सत्तारूढ़ पार्टी ने कहा कि विश्वासमत के दौरान वोड़ा वोट कर सकते हैं क्योंकि उनका इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं किया गया है। हालांकि विपक्ष ने जोर देकर कहा कि वोड़ा वोट नहीं कर सकते हैं क्योंकि उन्होंने अपना इस्तीफा भेज दिया है।

सत्तारूढ़ पार्टी के गठबंधन सहयोगियों में सात सांसद मुत्ताहितदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) से, पांच-पांच सांसद पाकिस्तान मुस्लिम लीग-क्यू (पीएमएल-क्यू) और बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) से, तीन सांसद ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस (जीडीए) से और एक-एक सांसद एएमएल तथा जेडब्ल्यूपी से थे।

पीटीआई के बैरिस्टर अली जदर ने कहा कि खान ने विश्वासमत कराने का बहुत बड़ा फैसला किया और इसने विपक्ष को चुप करा दिया जो उन पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे थे।

‘जिओ टीवी’ के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बाद खान ऐसे दूसरे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने नेशनल असेंबली में विश्वासमत कराने का फैसला किया।

वर्ष 1993 में पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय द्वारा उन्हें बहाल करने के आदेश के बाद शरीफ ने नेशनल असेंबली में विश्वास मत कराया था।

प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को अपने आवास पर सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं से मुलाकात की थी और उनसे सरकार के पक्ष में मतदान करने की अपील की थी।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!